घमंड के बारे में बाइबल की आयतें | Bible Verses About Pride
June 28, 2025

बाइबल में घमंड को एक गंभीर पाप माना गया है। यह परमेश्वर के सामने नम्र होने और दूसरों के साथ दयालु होने के विपरीत है। घमंड से विनाश और अपमान होता है, जबकि नम्रता परमेश्वर के अनुग्रह को प्राप्त करने का मार्ग है।
घमंड के बारे में बाइबल की आयतें
नीतिवचन 11:2 – “जब घमंड होता, तब अपमान भी होता है, परन्तु नम्र लोगों में बुद्धि होती है।”
1 पतरस 5:5 – “इसी प्रकार हे नवयुवको, तुम भी प्राचीनों के अधीन रहो, वरन् तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बाँधे रहो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है।”
नीतिवचन 16:18 – “विनाश से पहले गर्व, और ठोकर खाने से पहले घमण्ड आता है।”
नीतिवचन 21:4 – “चढ़ी आँखें, घमण्डी मन, और दुष्टों की खेती, तीनों पापमय हैं।”
याकूब 4:6 – “वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।”
नीतिवचन 6:17 – “अर्थात् घमण्ड से चढ़ी हुई आँखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, और निर्दोष का लहू बहानेवाले हाथ”
नीतिवचन 16:05 – “सब मन के घमण्डियों से यहोवा घृणा करता है; मैं दृढ़ता से कहता हूँ, ऐसे लोग निर्दोष न ठहरेंगे।”
रोमियों 12:16 – “आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो, परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।”
यशायाह 2:12 – “क्योंकि सेनाओं के यहोवा का दिन सब घमण्डियों और ऊँची गर्दनवालों पर और उन्नति से फूलनेवालों पर आएगा; और वे झुकाए जाएँगे”
यिर्मयाह 9:23 – यहोवा यों कहता है : “बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे
2 कुरिन्थियों 10:17-18 – “परन्तु जो घमण्ड करे, वह प्रभु पर घमण्ड करे। क्योंकि जो अपनी बड़ाई करता है वह नहीं, परन्तु जिसकी बड़ाई प्रभु करता है, वही ग्रहण किया जाता है।”
भजन 75:4 – “मैं ने घमंडियों से कहा, “घमंड मत करो,” और दुष्टों से, “सींग ऊँचा मत करो;”
भजन संहिता 34:02 – “मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।”
यिर्मयाह 9:24 – “परन्तु जो घमण्ड करे वह इसी बात पर घमण्ड करे, कि वह मुझे जानता और समझता है, कि मैं ही वह यहोवा हूँ जो पृथ्वी पर करुणा, न्याय और धर्म के काम करता है; क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ।”
निष्कर्ष:
बाइबल हमें सिखाती है कि घमंड को त्यागने और नम्रता के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती है, क्योंकि नम्रता परमेश्वर के साथ संबंध स्थापित करने और उसके साथ रहने का मार्ग है.
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