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इफिसियों अध्याय 2 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Ephesians Chapter 2 Quiz Questions And Answers

रोमियों अध्याय 04 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार यीशु ने बैर को कहाँ पर नाश किया है ?

उत्तर का संदर्भ:- और क्रूस पर बैर को नाश करके इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए। (इफिसियों 02:16)

#2. जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हैं वे लोग मसीह में एक होने सेे पहले कैसे थे ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे। (इफिसियों 02:12)

#3. जब हम अविश्वासी थे तब किस रीति पर चलते थे ?

उत्तर का संदर्भ:- जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। (इफिसियों 02:02)

#4. जब हम अविश्वासी थे तब किस कारण से मरे हुये थे, जिससे परमेश्वर ने हमें जिलाया है ?

उत्तर का संदर्भ:- और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। (इफिसियों 02:01)

#5. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार किसके द्वारा अन्य जातियों और यहूदियों की एक आत्मा में परमेश्वर पिता के पास पहुंच होती है?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। (इफिसियों 02:18)

#6. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार जब हम अविश्वासी थे तो किसमें दिन बिताते थे ?

उत्तर का संदर्भ:- इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। (इफिसियों 02:03)

#7. हम किसके द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये बनाये जाते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो॥ (इफिसियों 02:22)

#8. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार हम किस नीव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु स्वयं ही है, बनाए गये हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो। (इफिसियों 02:20)

#9. इफिसयों 02 अध्याय के अनुसार अन्यजाति को कौन लोग खतनारहित कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)। (इफिसियों 02:11)

#10. खतनावाले और खतनारहित को यीशु मसीह ने एक कर लिया और अलग करनेवाली दीवार को जो बीच में थी क्या कर दिया है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि वही हमारा मेल है, जिस ने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। (इफिसियों 02:14)

#11. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार अनुग्रह ही से हमारा क्या हुआ है ?

उत्तर का संदर्भ:- जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) (इफिसियों 02:05)

#12. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार हम यीशु मसीह में किसके द्वारा परमेश्वर के निकट हो गए हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। (इफिसियों 02:13)

#13. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी और स्वदेशी किसके घराने के हो गये हो ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। (इफिसियों 02:19)

#14. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार परमेश्वर का दान क्या है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। (इफिसियों 02:08)

#15. इफिसियों 02 अध्याय के अनुसार जब हम अविश्वासी थे तो अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से किसकी सन्तान थे ?

उत्तर का संदर्भ:- इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। (इफिसियों 02:03)

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