Masih Jeevan

यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

मत्ती अध्याय 6 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Matthew Chapter 6 Quiz Questions And Answers

रोमियों अध्याय 04 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. मत्ती 06 अध्याय के अनुसार कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा क्यों नही कर सकता ?

उत्तर का संदर्भ:- कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते”। (मत्ती 06:24)

#2. मत्ती 06 अध्याय में यीशु ने वस्त्र से बढ़कर क्या है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? (मत्ती 06:25)

#3. यीशु ने सबसे पहले परमेश्वर के राज्य और धर्म की खोज करो क्यों कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। (मत्ती 06:33)

#4. मत्ती 06 अध्याय में यीशु ने सुलैमान भी अपने सारे वैभव में किसके समान वस्त्र पहिने हुये न था कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और वस्त्र के लिये क्यों चिन्ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं। तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे विभव में उन में से किसी के समान वस्त्र पहिने हुए न था। (मत्ती 06:28-29)

#5. मत्ती 06 अध्याय में यीशु ने भोजन से बढ़कर क्या है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? (मत्ती 06:25)

#6. मत्ती 06 अध्याय के अनुसार हमारा कौन सा अंग निर्मल होगा तो सारा शरीर भी उजियाला होगा ?

उत्तर का संदर्भ:- शरीर का दिया आंख है: इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा। (मत्ती 06:22)

#7. यीशु ने कपटी लोग कैसे उपवास करते हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- जब तुम उपवास करो, तो कपटियों की नाईं तुम्हारे मुंह पर उदासी न छाई रहे, क्योंकि वे अपना मुंह बनाए रहते हैं, ताकि लोग उन्हें उपवासी जानें; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। (मत्ती 06:16)

#8. यीशु तेरा मन कहाँ लगा रहेगा कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा। (मत्ती 06:21)

#9. मत्ती 06 अध्याय में कल की चिन्ता करने के लिये क्यो मना किया है ?

उत्तर का संदर्भ:- सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥ (मत्ती 06:34)

#10. यीशु ने पृथ्वी पर नहीं किन्तु स्वर्ग में धन इकट्ठा करने के लिये क्यों कहा है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु अपने लिये स्वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं। (मत्ती 06:20)

#11. मत्ती 06 अध्याय में यीशु ने जो दो स्वामी कहा वे कौन कौन है ?

उत्तर का संदर्भ:- कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते”। (मत्ती 06:24)

#12. यीशु ने यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी क्या होगा कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा। (मत्ती 06:23)

#13. यीशु ने उपवास के विषय में क्या शिक्षा दी है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जब तू उपवास करे तो अपने सिर पर तेल मल और मुंह धो। (मत्ती 06:17)

#14. यीशु मसीह ने दान के विषय में क्या शिक्षा दी है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए। (मत्ती 06:03)

#15. यीशु मसीह ने प्रार्थना करने के विषय में क्या शिक्षा दी है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। (मत्ती 06:06)

#16. मत्ती 06 अध्याय के अनुसार हमारा स्वर्गीय पिता हमारा अपराध कब क्षमा करेगा ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। (मत्ती 06:14)

#17. यीशु ने राज्य और पराक्रम और महिमा सदा किसके हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन। (मत्ती 06:13)

#18. यीशु ने किस विषय में तुम चिन्ता करके यह न कहना कि …………..?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे ? (मत्ती 06:31)

#19. हमें मनुष्य को दिखाने के लिये धर्म के काम क्यों नही करना चाहिये ?

उत्तर का संदर्भ:- सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे। (मत्ती 06:01)

#20. मत्ती 06 अध्याय के अनुसार कपटी लोग जब दान करते हैं तो सभाओं और गलियों में अपने आगे तुरही क्यों बजवाते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके। (मत्ती 06:02)

#21. यीशु ने मत्ती 06 अध्याय में हे अल्पविश्वासियों, किन्हें कहा है ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा ? (मत्ती 06:30)

#22. यीशु ने हमें किससे अधिक मूल्यवान बताया है ?

उत्तर का संदर्भ:- आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते। (मत्ती 06:26)

#23. यीशु मसीह लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर किनको प्रार्थना करना अच्छा लगता है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। (मत्ती 06:05)

Previous
Finish

Results

Congratulation…! You are Passed

Sorry…! Better Luck Next Time

3 Replies to “मत्ती अध्याय 6 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Matthew Chapter 6 Quiz Questions And Answers”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *