आशा के बारे में बाइबल की आयतें | Bible Verses About Hope
May 31, 2025

बाइबल आशा को एक महत्वपूर्ण धार्मिक गुण के रूप में देखती है, जो परमेश्वर पर विश्वास और भविष्य के लिए आशावादी होने के साथ जुड़ी है।
परमेश्वर पर आशा के बारे में बाइबल की आयतें
भजन संहिता 33:18 – “देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, बनी रहती है,”
भजन संहिता 71:14 – “मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूँगा, और तेरी स्तुति अधिकाधिक करता जाऊँगा।”
1 थिस्सलुनीकियों 1:3 – “और अपने परमेश्वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता को लगातार स्मरण करते हैं।”
मीका 7:7 – “परन्तु मैं यहोवा की ओर ताकता रहूँगा, मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की बाट जोहता रहूँगा; मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा।”
भजन संहिता 62:5 – “हे मेरे मन, परमेश्वर के सामने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है।”
भजन संहिता 130:7 – “इस्राएल यहोवा पर आशा लगाए रहे! क्योंकि यहोवा करुणा करनेवाला”
भजन संहिता 130:7 – “इस्राएल यहोवा पर आशा लगाए रहे! क्योंकि यहोवा करुणा करनेवाला”
प्रेरितों के काम 24:15 – “और परमेश्वर से आशा रखता हूँ जो वे आप भी रखते हैं, कि धर्मी और अधर्मी दोनों का जी उठना होगा।”
1 तीमुथियुस 4:10 – “क्योंकि हम परिश्रम और यत्न इसी लिये करते हैं कि हमारी आशा उस जीवते परमेश्वर पर है, जो सब मनुष्यों का और निज करके विश्वासियों का उद्धारकर्ता है।”
1 पतरस 1:21 – “उसके द्वारा तुम उस परमेश्वर पर विश्वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया और महिमा दी कि तुम्हारा विश्वास और आशा परमेश्वर पर हो।”
मत्ती 12:21 – “और अन्यजातियाँ उसके नाम पर आशा रखेंगी।”
मसीही जीवन में आशा के बारे में बाइबल की आयतें
इब्रानियों 11:1 – “अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।”
रोमियों 5:3-5 – “केवल यही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यह जानकर कि क्लेश से धीरज, और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है;” और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।”
1 पतरस 1:3 – “हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया”
1 कुरिन्थियों 13:6-7 – “कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।”
रोमियों 15:4 – “जितनी बातें पहले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्रशास्त्र के प्रोत्साहन द्वारा आशा रखें।”
रोमियों 12:12 – “आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो।”
रोमियों 15:13 – “परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।”
नीतिवचन 13:12 – “जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है, परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है।”
नीतिवचन 23:18 – “क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।”
1 पतरस 3:15 – “पर मसीह को प्रभु जानकर अपने अपने मन में पवित्र समझो। जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ”
इब्रानियों 6:19 – “वह आशा हमारे प्राण के लिये ऐसा लंगर है जो स्थिर और दृढ़ है, और परदे के भीतर तक पहुँचता है”
गलतियों 5:5 – “क्योंकि आत्मा के कारण हम विश्वास से, आशा की हुई धार्मिकता की बाट जोहते हैं। “

अनंत जीवन की आशा के बारे में बाइबल की आयतें
1 पतरस 1:13 – “इस कारण अपनी अपनी बुद्धि की कमर बाँधकर, और सचेत रहकर, उस अनुग्रह की पूरी आशा रखो जो यीशु मसीह के प्रगट होने के समय तुम्हें मिलनेवाला है।”
इफिसियों 1:18 – “और तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिर्मय हों कि तुम जान लो कि उसके बुलाने से कैसी आशा होती है, और पवित्र लोगों में उस की मीरास की महिमा का धन कैसा है।”
तीतुस 1:1-2 – “पौलुस की ओर से जो परमेश्वर का दास और यीशु मसीह का प्रेरित है, परमेश्वर के चुने हुए लोगों के विश्वास, और उस सत्य की पहिचान के अनुसार जो भक्ति के अनुसार है। उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिस की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है।”
रोमियों 8:24-25 – “आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा? परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उस की आशा रखते हैं, तो धीरज से उस की बाट जोहते भी हैं॥”
तीतुस 3:7 – “जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें।”
इब्रानियों 3:6 – “पर मसीह पुत्र की नाईं उसके घर का अधिकारी है, और उसका घर हम हैं, यदि हम साहस पर, और अपनी आशा के घमण्ड पर अन्त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।”
कुलुस्सियों 1:27 – “जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।”
प्रकाशितवाक्य 21:4 – “और वह उन की आंखोंसे सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।”
कुलुस्सियों 1:5 – “उस आशा की हुई वस्तु के कारण जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी हुई है, जिस का वर्णन तुम उस सुसमाचार के सत्य वचन में सुन चुके हो।”
आशा के बारे में बाइबल के और भी आयते
1 कुरिन्थियों 13:13 – “पर अब विश्वास, आशा, प्रेम ये तीनों स्थायी हैं, पर इन में सबसे बड़ा प्रेम है।”
यिर्मयाह 29:11 – “क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन् कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूँगा”
भजन संहिता 119:114 – “तू मेरी आड़ और ढाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।”
निष्कर्ष:
इन आयतों से हमें यह पता चलता है कि आशा सिर्फ एक भावना नहीं है, बल्कि यह परमेश्वर में हमारा विश्वास है, और यह हमें क्लेशों में भी धैर्य रखने और परमेश्वर के साथ अपने संबंध में विश्वास रखने में मदद करती है।