प्रेरितों के काम अध्याय 27 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Acts Chapter 27 Quiz Questions And Answers
June 11, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. जहाज में सबसे पहले किसने रोटी तोड़कर खाया था ?
उत्तर का संदर्भ:- यह कहकर उसने रोटी लेकर सब के सामने परमेश्वर का धन्यवाद किया और तोड़कर खाने लगा। 36तब वे सब भी ढाढ़स बाँधकर भोजन करने लगे। (प्रेरितों के काम 27ः35)
#2. जब मल्लाह जहाज पर से भागना चाहते थे, तो किसने कहा कि यदि ये जहाज पर न रहें, तो तुम भी नहीं बच सकते ?
उत्तर का संदर्भ:- तो पौलुस ने सूबेदार और सैनिकों से कहा, “यदि ये जहाज पर न रहें, तो तुम भी नहीं बच सकते।” (प्रेरितों के काम 27ः31)
#3. पौलुस और अन्य बन्दियों को इटली ले जाते समय सैदा से जहाज खोलकर हवा विरूद्ध होने के कारण वे किस जगह के आड़ में होकर चले थे ?
उत्तर का संदर्भ:- वहाँ से जहाज खोलकर हवा विरुद्ध होने के कारण हम साइप्रस की आड़ में होकर चले; (प्रेरितों के काम 27ः04)
#4. जहाज के मल्लाहो ने पथरीली जगहों से टकराने के डर से जहाज की पिछाड़ी कितने लंगर डाले थे और भोर होने की कामना करते रहे ?
उत्तर का संदर्भ:- तब पथरीली जगहों से टकराने के डर से उन्होंने जहाज की पिछाड़ी चार लंगर डाले, और भोर होने की कामना करते रहे। (प्रेरितों के काम 27ः29)
#5. फीनिक्स कहाँ का बन्दरगाह था ?
उत्तर का संदर्भ:- वह बन्दरगाह जाड़ा काटने के लिये अच्छा न था, इसलिये बहुतों का विचार हुआ कि वहाँ से जहाज खोलकर यदि किसी रीति से हो सके तो फीनिक्स पहुँचकर जाड़ा काटें। यह तो क्रेते का एक बन्दरगाह है जो दक्षिण–पश्चिम और उत्तर–पश्चिम की ओर खुलता है। (प्रेरितों के काम 27ः12)
#6. सूबेदार ने पौलुस के मना करने पर भी यात्रा क्यों जारी रखी थी ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु सूबेदार ने पौलुस की बातों से कप्तान और जहाज के स्वामी की बातों को बढ़कर माना। (प्रेरितों के काम 27ः11)
#7. पौलुस और अन्य बन्दियों के साथ जहाज में एक और मनुष्य था उसका क्या नाम था ?
उत्तर का संदर्भ:- अद्रमुत्तियुम के एक जहाज पर जो आसिया के किनारे की जगहों में जाने पर था, चढ़कर हम ने उसे खोल दिया, और अरिस्तर्खुस नामक थिस्सलुनीके का एक मकिदूनी हमारे साथ था। (प्रेरितों के काम 27ः02)
#8. किसका विचार हुआ कि बन्दियों को मार डालें, ऐसा न हो कि कोई तैर के निकल भागे ?
उत्तर का संदर्भ:- तब सैनिकों का यह विचार हुआ कि बन्दियों को मार डालें, ऐसा न हो कि कोई तैर के निकल भागे। (प्रेरितों के काम 27ः42)
#9. जब वे आँधी से बहुत हिचकोले और धक्के खाए, तो दूसरे दिन वे जहाज से क्या फेंकने लगे थे ?
उत्तर का संदर्भ:- जब हम ने आँधी से बहुत हिचकोले और धक्के खाए, तो दूसरे दिन वे जहाज का माल फेंकने लगे; (प्रेरितों के काम 27ः18)
#10. पौलुस और अन्य बन्दियों के साथ जहाज में एक और मनुष्य था वह किस नगर का रहनेवाला था ?
उत्तर का संदर्भ:- अद्रमुत्तियुम के एक जहाज पर जो आसिया के किनारे की जगहों में जाने पर था, चढ़कर हम ने उसे खोल दिया, और अरिस्तर्खुस नामक थिस्सलुनीके का एक मकिदूनी हमारे साथ था। (प्रेरितों के काम 27ः02)
#11. जहाज के लोगों ने तीसरे दिन अपने हाथों से जहाज का क्या फेंकने लगे थे ?
उत्तर का संदर्भ:- और तीसरे दिन उन्होंने अपने हाथों से जहाज का साज़–सामान भी फेंक दिया। (प्रेरितों के काम 27ः19)
#12. मल्लाहों ने अनुमान से जाना कि हम किसी देश के निकट पहुँच रहे हैं तब पहली बार थाह लेने पर कितना गहरा पाया था ?
उत्तर का संदर्भ:- थाह लेने पर उन्होंने बीस पुरसा गहरा पाया, और थोड़ा आगे बढ़कर फिर थाह ली तो पन्द्रह पुरसा पाया। (प्रेरितों के काम 27ः28)
#13. पौलुस और अन्य बन्दियों को जिस सूबेदार के हाथ सौंप दिया गया था वह किस पलटन से था ?
उत्तर का संदर्भ:- जब यह निश्चित हो गया कि हम जहाज द्वारा इटली जाएँ, तो उन्होंने पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को भी यूलियुस नामक औगुस्तुस की पलटन के एक सूबेदार के हाथ सौंप दिया। (प्रेरितों के काम 27ः01)
#14. सूबेदार ने किस इच्छा से कहा कि जो तैर सकते हैं, पहले कूदकर किनारे पर निकल जाएँ ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु सूबेदार ने पौलुस को बचाने की इच्छा से उन्हें इस विचार से रोका और यह कहा, कि जो तैर सकते हैं, पहले कूदकर किनारे पर निकल जाएँ; (प्रेरितों के काम 27ः43)
#15. पौलुस ने जहाज के लोगों से ‘‘हे लोगों, चाहिए था कि तुम मेरी बात मानकर कहाँ से न जहाज खोलते और न यह विपत्ति आती और न यह हानि उठाते कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- जब वे बहुत दिन तक भूखे रह चुके, तो पौलुस ने उनके बीच में खड़े होकर कहा, “हे लोगो, चाहिए था कि तुम मेरी बात मानकर क्रेते से न जहाज खोलते और न यह विपत्ति आती और न यह हानि उठाते। (प्रेरितों के काम 27ः21)
#16. मल्लाहों ने अनुमान से जाना कि हम किसी देश के निकट पहुँच रहे हैं तब थोड़ा आगे बढ़कर दूसरी बार थाह लेने पर कितना गहरा पाया था ?
उत्तर का संदर्भ:- थाह लेने पर उन्होंने बीस पुरसा गहरा पाया, और थोड़ा आगे बढ़कर फिर थाह ली तो पन्द्रह पुरसा पाया। (प्रेरितों के काम 27ः28)
#17. पौलुस और अन्य बन्दी इटली जाने के लिये सबसे पहले कौन से जहाज पर चढ़े थे ?
उत्तर का संदर्भ:- अद्रमुत्तियुम के एक जहाज पर जो आसिया के किनारे की जगहों में जाने पर था, चढ़कर हम ने उसे खोल दिया, और अरिस्तर्खुस नामक थिस्सलुनीके का एक मकिदूनी हमारे साथ था। (प्रेरितों के काम 27ः02)
#18. इटली जाते समय दूसरे दिन सूबेदार ने पौलुस पर कृपा करके कहाँ जाने दिया था ?
उत्तर का संदर्भ:- दूसरे दिन हम ने सैदा में लंगर डाला, और यूलियुस ने पौलुस पर कृपा करके उसे मित्रों के यहाँ जाने दिया कि उसका सत्कार किया जाए। (प्रेरितों के काम 27ः03)
#19. पौलुस और अन्य बन्दियों को किसके हाथ इटली जाने के लिये सौंप दिया गया था ?
उत्तर का संदर्भ:- जब यह निश्चित हो गया कि हम जहाज द्वारा इटली जाएँ, तो उन्होंने पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को भी यूलियुस नामक औगुस्तुस की पलटन के एक सूबेदार के हाथ सौंप दिया। (प्रेरितों के काम 27ः01)
#20. पौलुस से किसने कहा था कि तुम में से किसी के प्राण की हानि न होगी, पर केवल जहाज की ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर जिसका मैं हूँ, और जिसकी सेवा करता हूँ, उसके स्वर्गदूत ने आज रात मेरे पास आकर कहा, (प्रेरितों के काम 27ः23)
#21. जब वे भोजन करके तृप्त हुए, तो क्या समुद्र में फेंक कर जहाज हल्का करने लगे थे ?
उत्तर का संदर्भ:- जब वे भोजन करके तृप्त हुए, तो गेहूँ को समुद्र में फेंक कर जहाज हल्का करने लगे। (प्रेरितों के काम 27ः38)
#22. लूसिया के मूरा में सूबेदार को कहाँ का एक जहाज इटली जाता हुआ मिला और उसने पौलुस और अन्य बन्दियों को चढ़ा लिया था ?
उत्तर का संदर्भ:- वहाँ सूबेदार को सिकन्दरिया का एक जहाज इटली जाता हुआ मिला, और उसने हमें उस पर चढ़ा दिया। (प्रेरितों के काम 27ः06)
#23. इटली जाते समय पौलुस और अन्य बन्दियों ने दूसरे दिन कहाँ लंगर डाला था ?
उत्तर का संदर्भ:- दूसरे दिन हम ने सैदा में लंगर डाला, और यूलियुस ने पौलुस पर कृपा करके उसे मित्रों के यहाँ जाने दिया कि उसका सत्कार किया जाए। (प्रेरितों के काम 27ः03)
#24. कौन सी रात आई तब आधी रात के निकट मल्लाहों ने अनुमान से जाना कि हम किसी देश के निकट पहुँच रहे हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- जब चौदहवीं रात आई, और हम अद्रिया समुद्र में भटकते फिर रहे थे, तो आधी रात के निकट मल्लाहों ने अनुमान से जाना कि हम किसी देश के निकट पहुँच रहे हैं। (प्रेरितों के काम 27ः27)
#25. जब बहुत दिनों तक न सूर्य, न तारे दिखाई दिए और बड़ी आँधी चलती रही तो जहाज के लोगों की क्या मनोदशा थी ?
उत्तर का संदर्भ:- जब बहुत दिनों तक न सूर्य, न तारे दिखाई दिए और बड़ी आँधी चलती रही, तो अन्त में हमारे बचने की सारी आशा जाती रही। (प्रेरितों के काम 27ः20)
#26. इटली जाते समय सूबेदार और अन्य लोगों का कहाँ जाड़ा काटने का विचार था ?
उत्तर का संदर्भ:- वह बन्दरगाह जाड़ा काटने के लिये अच्छा न था, इसलिये बहुतों का विचार हुआ कि वहाँ से जहाज खोलकर यदि किसी रीति से हो सके तो फीनिक्स पहुँचकर जाड़ा काटें। यह तो क्रेते का एक बन्दरगाह है जो दक्षिण–पश्चिम और उत्तर–पश्चिम की ओर खुलता है। (प्रेरितों के काम 27ः12)
#27. पौलुस और अन्य बन्दियों के इटली जाते समय जमीन की ओर से एक बड़ी आँधी उठी थी वह क्या कहलाती थी ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु थोड़ी देर में जमीन की ओर से एक बड़ी आँधी उठी, जो ‘यूरकुलीन’ कहलाती है। (प्रेरितों के काम 27ः14)
#28. सूबेदार और पौलुस व अन्य बन्दी सलमोने के सामने से होकर क्रेते की आड़ में चले, और उसके किनारे-किनारे कठिनाई से चलकर कौन सी जगह पहुँचे थे ?
उत्तर का संदर्भ:- और उसके किनारे–किनारे कठिनाई से चलकर ‘शुभलंगरबारी’ नामक एक जगह पहुँचे, जहाँ से लसया नगर निकट था। (प्रेरितों के काम 27ः08)
#29. पौलुस और अन्य बन्दियों को इटली ले जा रहे थे तब जहाज में कितने लोग थे ?
उत्तर का संदर्भ:- हम सब मिलकर जहाज पर दो सौ छिहत्तर जन थे। (प्रेरितों के काम 27ः37)