रोमियों अध्याय 10 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Romans Chapter 10 Quiz Questions And Answers
July 2, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. इस्राएली परमेश्वर की धार्मिकता से अनजान होकर, और अपनी धार्मिकता स्थापित करने का यत्न करके किसके अधीन न हुए ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि वे परमेश्वर की धार्मिकता से अनजान होकर, और अपनी धार्मिकता स्थापित करने का यत्न करके, परमेश्वर की धार्मिकता के अधीन न हुए। (रोमियों 10ः03)
#2. मूसा ने यह लिखा है कि जो मनुष्य उस धार्मिकता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह उसी से क्या रहेगा ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मूसा ने यह लिखा है कि जो मनुष्य उस धार्मिकता पर जो व्यवस्था से है, चलता है, वह उसी से जीवित रहेगा। (रोमियों 10ः05)
#3. रोमियों 10 अध्याय में पौलुस मेरे मन की अभिलाषा और उनके लिये परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे उद्धार पाएँ, यह वचन किसको संदर्भित करता है ?
उत्तर का संदर्भ:- हे भाइयो, मेरे मन की अभिलाषा और उनके लिये परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे उद्धार पाएँ। (रोमियों 10ः01)
#4. इस वचन को पूरा करें – ‘‘क्योंकि हर एक विश्वास करनेवाले के लिये धार्मिकता के निमित्त मसीह …………… का अन्त है।’’
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हर एक विश्वास करनेवाले के लिये धार्मिकता के निमित्त मसीह व्यवस्था का अन्त है। (रोमियों 10ः04)
#5. किस भविष्यद्वक्ता ने कहा ‘‘जो मुझे नहीं ढूँढ़ते थे, उन्होंने मुझे पा लिया, और जो मुझे पूछते भी न थे, उन पर मैं प्रगट हो गया’’ ?
उत्तर का संदर्भ:- फिर यशायाह बड़े हियाव के साथ कहता है, “जो मुझे नहीं ढूँढ़ते थे, उन्होंने मुझे पा लिया; और जो मुझे पूछते भी न थे, उन पर मैं प्रगट हो गया।” (रोमियों 10ः20)
#6. पौलुस किसके विषय में गवाही देते हैं कि उनको परमेश्वर की धुन रहती है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मैं उनकी गवाही देता हूँ कि उनको परमेश्वर के लिये धुन रहती है, परन्तु बुद्धिमानी के साथ नहीं। (रोमियों 10ः02)
#7. रोमियों 10 अध्याय के अनुसार उद्धार प्राप्त करने के लिये क्या किया जाता है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है। (रोमियों 10ः10)
#8. विश्वास कैसे प्राप्त होता है ?
उत्तर का संदर्भ:- अत: विश्वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है। (रोमियों 10ः17)
#9. यहूदिया और यूनानियों में अब कुछ भेद क्यों नहीं है ?
उत्तर का संदर्भ:- यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है और अपने सब नाम लेनेवालों के लिये उदार है। (रोमियों 10ः12)
#10. रोमियों 10 अध्याय के अनुसार धार्मिकता प्राप्त करने के लिये क्या किया जाता है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है। (रोमियों 10ः10)
#11. किस भविष्यद्वक्ता ने कहा ‘‘मैं उनके द्वारा जो जाति नहीं, तुम्हारे मन में जन उपजाऊँगा, मैं एक मूढ़ जाति के द्वारा तुम्हें रिस दिलाऊँगा’’ ?
उत्तर का संदर्भ:- मैं फिर कहता हूँ, क्या इस्राएली नहीं जानते थे? पहले तो मूसा कहता है, “मैं उनके द्वारा जो जाति नहीं, तुम्हारे मन में जलन उपजाऊँगा; मैं एक मूढ़ जाति के द्वारा तुम्हें रिस दिलाऊँगा।” (रोमियों 10ः19)
#12. पुराने नियम में किस भविष्यद्वक्ता ने कहा कि ‘‘हे प्रभु किसने हमारे समाचार पर विश्वास किया’’ ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु सब ने उस सुसमाचार पर कान न लगाया : यशायाह कहता है, “हे प्रभु, किसने हमारे समाचार पर विश्वास किया है?” (रोमियों 10ः16)
#13. इस वचन को पूरा करें – ‘‘कि यदि तू अपने मुँह से यीश को प्रभु जानकर …………..करे, और अपने मन से विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय …………..पाएगा।’’
उत्तर का संदर्भ:- कि यदि तू अपने मुँह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे, और अपने मन से विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा। (रोमियों 10ः09)
#14. रोमियों 10 अध्याय के अनुसार जो कोई प्रभु का नाम लेगा वह क्या पाएगा ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि, “जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।” (रोमियों 10ः13)
#15. जो कोई मसीह पर विश्वास करता है वह क्या न होगा ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि पवित्रशास्त्र यह कहता है, “जो कोई उस पर विश्वास करेगा वह लज्जित न होगा।” (रोमियों 10ः11)