झूठ के बारे में बाइबल की आयतें | Bible Verses about Lies
July 24, 2025

बाइबल में झूठ बोलने के विषय में कई वचन हैं, जो इसे एक गंभीर पाप बताते हैं। यहोवा झूठ बोलने वालों से घृणा करता है और सत्य बोलने वालों से प्रसन्न होता है। झूठ बोलना न केवल परमेश्वर के विरुद्ध है, बल्कि यह आध्यात्मिक रूप से हानिकारक भी है।
झूठ के बारे में बाइबल के कुछ वचन
नीतिवचन 12:22 – “झूठों से यहोवा को घृणा आती है परन्तु जो विश्वास से काम करते हैं, उन से वह प्रसन्न होता है।”
निर्गमन 20:16 – “तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना॥”
इफिसियों 4:25 – “इसलिए आप लोग झूठ बोलना छोड़ दें और अपने-अपने पड़ोसी से सत्य बोलें, क्योंकि हम एक दूसरे के अंग हैं।”
नीतिवचन 19:9 – “झूठा साक्षी निर्दोष नहीं ठहरता, और जो झूठ बोला करता है, वह नाश होता है।”
कुलुस्सियों 3:9 – “एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है।”
प्रकाशित वाक्य 21:8 – “पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥”
नीतिवचन 6:16-19 – “छ: वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उस को घृणा है अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ, अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव, झूठ बोलने वाला साक्षी और भाइयों के बीच में झगड़ा उत्पन्न करने वाला मनुष्य।”
यूहन्ना 8:44 – “तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है।”
भजन संहिता 120:2 – “हे यहोवा, झूठ बोलने वाले मुंह से और छली जीभ से मेरी रक्षा कर॥”
भजन संहिता 119:163 – “झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूं, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूं।”
नीतिवचन 13:5 – “धर्मी झूठे वचन से बैर रखता है, परन्तु दुष्ट लज्जा का कारण और लज्जित हो जाता है।”
नीतिवचन 14:5 – “सच्चा साक्षी झूठ नहीं बोलता, परन्तु झूठा साक्षी झूठी बातें उड़ाता है।”
गिनती 23:19 – “ईश्वर मनुष्य नहीं, कि झूठ बोले, और न वह आदमी है, कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उसने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उस पूरा न करे?”
भजन संहिता 5:6 – “तू उन को जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा; यहोवा तो हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है।”
नीतिवचन 19:5 – “झूठा साक्षी निर्दोष नहीं ठहरता, और जो झूठ बोला करता है, वह नाश होता है।”
नीतिवचन 21:6 – “जो धन झूठ के द्वारा प्राप्त हो, वह वायु से उड़ जाने वाला कोहरा है, उसके ढूंढ़ने वाले मृत्यु ही को ढूंढ़ते हैं।”
नीतिवचन 21:28 – “झूठा साक्षी नाश होता है, जिस ने जो सुना है, वही कहता हुआ स्थिर रहेगा।”
याकूब 3:14 – “पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्ड न करना, और न तो झूठ बोलना।”
निष्कर्ष:
बाइबल सिखाती है कि झूठ बोलना बड़ा पाप है और इसे परमेश्वर के स्वभाव के विपरीत बताया गया है। यह सत्यनिष्ठा को ईश्वरीय जीवन के लिए आवश्यक मानता है और झूठ को धोखे और नुकसान का कारण बताता है। बाइबल में उन लोगों के विरुद्ध कई चेतावनियाँ हैं जो झूठ बोलते हैं और छल से जीवन जीते हैं, और अपने चरित्र को परमेश्वर के विपरीत बताते हैं।