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यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

2 तीमुथियुस अध्याय 2 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 2 Timothy Chapter 2 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी हृदय से गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. पौलुस तीमुथियुस को जो मैं कहता हूं उस पर ध्यान दे, और कौन तुझे सब बातों की समझ देगा कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- जो मैं कहता हूं, उस पर ध्यान दे और प्रभु तुझे सब बातों की समझ देगा। (02 तीमुथियुस 02:07)

#2. पौलुस तीमुथियुस को अपने आप को किसके ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाये कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो। (02 तीमुथियुस 02:15)

#3. पौलुस तीमुथियुस को हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है क्या हो जा कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा। (02 तीमुथियुस 02:01)

#4. पौलुस तीमुथियुस को अशुद्ध बकवाद से बचे रहने के लिए क्यों कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर अशुद्ध बकवाद से बचा रह; क्योंकि ऐसे लोग और भी अभक्ति में बढ़ते जाएंगे। (02 तीमुथियुस 02:16)

#5. इस वचन को पूरा करें – “जवानी की अभिलाषाओं से भाग, और जो………………… से प्रभु का नाम लेते हैं, उनके साथ धर्म, और विश्वास और प्रेम और मेल-मिलाप का ………………. कर।

उत्तर का संदर्भ:- जवानी की अभिलाषाओं से भाग; और जो शुद्ध मन से प्रभु का नाम लेते हैं, उन के साथ धर्म, और विश्वास, और प्रेम, और मेल-मिलाप का पीछा कर। (02 तीमुथियुस 02:22)

#6. पौलुस तीमुथियुस को शब्दों पर तर्क-वितर्क करने से कुछ लाभ नहीं होता वरन् सुनने वाले क्या हो जाते हैं कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता; वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं। (02 तीमुथियुस 02:14)

#7. इस वचन को पूरा करें – “यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा ………………….. करेगा। “

उत्तर का संदर्भ:- यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे: यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा। (02 तीमुथियुस 02:12)

#8. पौलुस तीमुथियुस को मसीह यीशु के अच्छे योद्धा के समान मेरे साथ क्या करने कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- मसीह यीशु के अच्छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा। (02 तीमुथियुस 02:03)

#9. 02 तीमुथियुस 02 अध्याय के अनुसार अखाड़े में लड़ने वाला किस अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता ?

उत्तर का संदर्भ:- फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता। (02 तीमुथियुस 02:05)

#10. उन दो व्यक्तियों के नाम बताईये जो यह कहकर कि पुनरूत्थान हो चुका है सत्य से भटक गये थे ?

उत्तर का संदर्भ:- और उन का वचन सड़े-घाव की नाईं फैलता जाएगा: हुमिनयुस और फिलेतुस उन्हीं में से हैं। जो यह कह कर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट पुलट कर देते हैं। (02 तीमुथियुस 02:17-18)

#11. जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो अपने आप को संसार के कामों में क्यों नहीं फंसाता ?

उत्तर का संदर्भ:- जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता (02 तीमुथियुस 02:04)

#12. पौलुस तीमुथियुस को ‘‘मूर्खता और अविद्या के विवादों से अलग रहने के लिये’’ क्यों कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं। (02 तीमुथियुस 02:23)

#13. यदि कोई अपने आप को अशुद्ध बकवाद से या बुराई से शुद्ध करेगा तो वह कैसा बरतन और क्या ठहरेगा ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि कोई अपने आप को इन से शुद्ध करेगा, तो वह आदर का बरतन, और पवित्र ठहरेगा; और स्वामी के काम आएगा, और हर भले काम के लिये तैयार होगा। (02 तीमुथियुस 02:21)

#14. 2 तीमुथियुस 2 अध्याय के अनुसार प्रभु के दास को ‘‘विरोधियों को नम्रता से समझाने वाला‘‘ क्यों होना चाहिए ?

उत्तर का संदर्भ:- और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो। और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें। (02 तीमुथियुस 02:24-25)

#15. 02 तीमुथियुस 02 अध्याय के अनुसार ऐसा क्या कारण था कि पौलुस चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूं, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएं। (02 तीमुथियुस 02:10)

#16. इस वचन को पूरा करें – “यदि हम धीरज के साथ सहते रहेंगे, तो उसके साथ ………………… भी करेंगे।”

उत्तर का संदर्भ:- यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे: यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा। (02 तीमुथियुस 02:12)

#17. 2 तीमुथियुस 02 अध्याय के अनुसार प्रभु के दास में कौन-कौन से गुण होने चाहिए ?

उत्तर का संदर्भ:- और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो। और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें। (02 तीमुथियुस 02:24-25)

#18. पौलुस सुसमाचार के लिये मैं कुकर्मी के समान दुःख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं, परन्तु क्या कैद नहीं है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- जिस के लिये मैं कुकर्मी की नाईं दुख उठाता हूं, यहां तक कि कैद भी हूं; परन्तु परमेश्वर का वचन कैद नहीं। (02 तीमुथियुस 02:09)

#19. 02 तीमुथियुस 02 अध्याय के अनुसार यदि हम अविश्वासी भी हों तौभी प्रभु क्या बना रहता हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि हम अविश्वासी भी हों तौभी वह विश्वास योग्य बना रहता है, क्योंकि वह आप अपना इन्कार नहीं कर सकता॥ (02 तीमुथियुस 02:13)

#20. यीशु मसीह किसके वंश से उत्पन्न हुआ है ?

उत्तर का संदर्भ:- यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ, और मरे हुओं में से जी उठा; और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है। (02 तीमुथियुस 02:08)

#21. इस वचन को पूरा करें – “यह बात सच है कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं, तो उसके साथ ………….. भी। “

उत्तर का संदर्भ:- यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी। (02 तीमुथियुस 02:11)

#22. पौलुस तीमुथियुस को जो बातें तूने बहुत से गवाहों के सामने मुझसे सुनी हैं, उन्हें किनको सौंप दे, कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों। (02 तीमुथियुस 02:02)

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