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याकूब अध्याय 4 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | James Chapter 4 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी हृदय से गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. याकूब जो अपने भाई की बदनामी करता है या भाई पर दोष लगाता है वह किसकी बदनामी करता है या किस पर दोष लगाता है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे भाइयों, एक दूसरे की बदनामी न करो, जो अपने भाई की बदनामी करता है, या भाई पर दोष लगाता है, वह व्यवस्था की बदनामी करता है, और व्यवस्था पर दोष लगाता है; और यदि तू व्यवस्था पर दोष लगाता है, तो तू व्यवस्था पर चलने वाला नहीं, पर उस पर हाकिम ठहरा। (याकूब 04:11)

#2. याकूब 04 अध्याय के अनुसार परमेश्वर किसका विरोध करता है, एवं किस पर अनुग्रह करता है ?

उत्तर का संदर्भ:- वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है। (याकूब 04:06)

#3. याकूब परमेश्वर के अधीन हो जाओ और शैतान का सामना करो, तो वह क्या करेगा कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये परमेश्वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा। (याकूब 04:07)

#4. इस वचन को पूरा करें – “क्या तुम यह समझते हो कि पवित्रशास्त्र व्यर्थ कहता है, ‘‘जिस आत्मा को उसने हमारे भीतर बसाया है, क्या वह ऐसी लालसा करता है जिसका प्रतिफल …………..हो”

उत्तर का संदर्भ:- क्या तुम यह समझते हो, कि पवित्र शास्त्र व्यर्थ कहता है जिस आत्मा को उस ने हमारे भीतर बसाया है, क्या वह ऐसी लालसा करता है, जिस का प्रतिफल डाह हो? (याकूब 04:05)

#5. याकूब पापियो को क्या करने के लिये कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। (याकूब 04:08)

#6. याकूब व्यवस्था देनेवाला और हाकिम तो एक ही है, जो क्या करने में समर्थ है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- व्यवस्था देने वाला और हाकिम तो एक ही है, जिसे बचाने और नाश करने की सामर्थ है; तू कौन है, जो अपने पड़ोसी पर दोष लगाता है? (याकूब 04:12)

#7. याकूब 04 अध्याय में मनुष्य के जीवन की तुलना किससे की गई है ?

उत्तर का संदर्भ:- और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है। (याकूब 04:14)

#8. याकूब 04 अध्याय में परमेश्वर तुम्हारे निकट कब आयेगा कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। (याकूब 04:08)

#9. याकूब तुम में लड़ाइयाँ और झगड़े कहाँ से आ गए सवाल में क्या जवाब देते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं? (याकूब 04:01)

#10. याकूब कहते हैं कि तुम माँगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो। (याकूब 04:03)

#11. याकूब तुम लालसा रखते हो, और तुम्हें क्यों मिलता नहीं कहते हैं इसलिये कि – ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम लालसा रखते हो, और तुम्हें मिलता नहीं; तुम हत्या और डाह करते हो, ओर कुछ प्राप्त नहीं कर सकते; तुम झगड़ते और लड़ते हो; तुम्हें इसलिये नहीं मिलता, कि मांगते नहीं। (याकूब 04:02)

#12. याकूब दुचित्ते लोगों को क्या करने के लिये कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो। (याकूब 04:08)

#13. याकूब 04 अध्याय के अनुसार जो कोई क्या करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिये यह पाप है॥ (याकूब 04:17)

#14. याकूब प्रभु के सामने दीन बनो तो वह तुम्हें क्या बनाएगा कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- प्रभु के साम्हने दीन बनो, तो वह तुम्हें शिरोमणि बनाएगा। (याकूब 04:10)

#15. याकूब कहते हैं जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का क्या बनाता है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे व्यभिचारिणयों, क्या तुम नहीं जानतीं, कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है सो जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है। (याकूब 04:04)

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