Masih Jeevan

यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

1 पतरस अध्याय 2 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 1 Peter Chapter 2 Quiz Questions And Answers

01 कुरिन्थियों अध्याय 05 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्लेश सहता है तो यह कैसा है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार करके अन्याय से दुख उठाता हुआ क्लेश सहता है, तो यह सुहावना है। (01 पतरस 02:19)

#2. पतरस तुम पहले तो कुछ भी नहीं थे पर अब क्या हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है॥ (01 पतरस 02:10)

#3. वह गाली सुनकर गाली नहीं देता था, और दुःख उठाकर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौंपता था पतरस ने यह बात किसके विषय में कहा है ?

उत्तर का संदर्भ:- और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो। न तो उस ने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली। वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था। (01 पतरस 02:21-23)

#4. पतरस, सेवको को हर प्रकार के भय के साथ अपने स्वामियों के अधीन रहो, न केवल उनके जो भले और नम्र हों पर उनके भी जो क्या हों कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी। (01 पतरस 02:18)

#5. पतरस तुम भी आप जीवते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिससे याजकों का पवित्र समाज बनकर ऐसे क्या चढ़ाओं जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हैं कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों। (01 पतरस 02:05)

#6. पतरस, उसी के (मसीह के) मार खाने से तुम क्या हुए कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। (01 पतरस 02:24)

#7. पतरस तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके क्या प्रगट करो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। (01 पतरस 02:09)

#8. पतरस, तुम पहले भटकी हुई भेड़ों के समान थे, पर अब अपने किसके रखवाले और अध्यक्ष के पास लौट आए हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि तुम पहिले भटकी हुई भेड़ों की नाईं थे, पर अब अपने प्राणों के रखवाले और अध्यक्ष के पास फिर आ गए हो। (01 पतरस 02:25)

#9. पतरस विनती करता है कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जानकर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो किससे युद्ध करती हैं, बचे रहो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। (01 पतरस 02:11)

#10. पतरस, राजा के अधीन किसलिये रहो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है। (01 पतरस 02:13)

#11. पतरस तुम ने किसका स्वाद चख लिया है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्वाद चख लिया है। (01 पतरस 02:03)

#12. पतरस, यीशु मसीह को मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ और क्या है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है। (01 पतरस 02:04)

#13. पतरस, परमेश्वर की इच्छा यह है कि तुम क्या करने के द्वारा निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्द कर दो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्द कर दो। (01 पतरस 02:15)

#14. पतरस किससे डरो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो॥ (01 पतरस 02:17)

#15. कौन कुकर्मियों को दण्ड देने और सुकर्मियों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुये हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकिर्मयों को दण्ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं। (01 पतरस 02:14)

#16. पतरस के अनुसार हमारा आदर्श कौन है एवं हमें किसके पद-चिन्हों पर चलने के लिये कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो। (01 पतरस 02:21)

#17. पतरस कौन सी बात परमेश्वर को भाता है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि यदि तुम ने अपराध करके घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम करके दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है। (01 पतरस 02:20)

#18. पतरस, अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन कैसा हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें॥ (01 पतरस 02:12)

#19. पतरस अपने आप को स्वतंत्र जानो, पर अपनी इस स्वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओं, परन्तु अपने आप को क्या समझकर चलो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और अपने आप को स्वतंत्र जानो पर अपनी इस स्वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो। (01 पतरस 02:15)

#20. पतरस कौन सी बात में बढ़ाई की बात नहीं है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि यदि तुम ने अपराध करके घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम करके दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है। (01 पतरस 02:20)

#21. पतरस किसके लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्ध के अधीन रहो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है। (01 पतरस 02:13)

#22. पतरस, सब प्रकार के क्या दूर करके नये जन्मे हुये बच्चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- नये जन्मे हुए बच्चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। (01 पतरस 02:02)

#23. 01 पतरस 02 अध्याय के अनुसार, सब का क्या करों कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो॥ (01 पतरस 02:17)

#24. पतरस नये जन्मे हुये बच्चों के समान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा क्यों करो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- नये जन्मे हुए बच्चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। (01 पतरस 02:02)

#25. वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुये क्रूस पर चढ़ गया, जिससे हम पापों के लिये मरकर किसके लिये जीवन बिताएँ ?

उत्तर का संदर्भ:- वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिए हुए क्रूस पर चढ़ गया जिस से हम पापों के लिये मर कर के धामिर्कता के लिये जीवन बिताएं: उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। (01 पतरस 02:24)

#26. पतरस किसका सम्मान करो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो॥ (01 पतरस 02:17)

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