रोमियों अध्याय 02 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Romans Chapter 02 Quiz Questions And Answers
June 20, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. जो विवादी हैं और सत्य को नहीं मानते, वरन् अधर्म को मानते हैं, उनका क्या होगा ?
उत्तर का संदर्भ:- पर जो विवादी हैं और सत्य को नहीं मानते, वरन् अधर्म को मानते हैं, उन पर क्रोध और कोप पड़ेगा। (रोमियों 02ः08)
#2. रोमियों 02 अध्याय के अनुसार जिन्होंने बिना व्यवस्था पाए पाप किया उनका क्या होगा ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जिन्होंने बिना व्यवस्था पाए पाप किया, वे बिना व्यवस्था के नष्ट भी होंगे; और जिन्होंने व्यवस्था पाकर पाप किया, उनका दण्ड व्यवस्था के अनुसार होगा; (रोमियों 02ः12)
#3. रोमियों 02 अध्याय के अनुसार, मनुष्य कैसे धन को तुच्छ जानता है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्या तू उसकी कृपा, और सहनशीलता, और धीरजरूपी धन को तुच्छ जानता है? क्या यह नहीं समझता कि परमेश्वर की कृपा तुझे मन फिराव को सिखाती है? (रोमियों 02ः04)
#4. परमेश्वर हर एक को किस अनुसार बदला देगा ?
उत्तर का संदर्भ:- वह हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देगा (रोमियों 02ः06)
#5. कैसे मनुष्य को महिमा और आदर और कल्याण मिलेगा ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु महिमा और आदर और कल्याण हर एक को मिलेगा, जो भला करता है, पहले यहूदी को फिर यूनानी को। (रोमियों 02ः10)
#6. हम अपनी कठोरता और हठीले मन के कारण उसके क्रोध के दिन के लिये, जिसमें परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रगट होगा अपने लिये क्या कमाते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- पर तू अपनी कठोरता और हठीले मन के कारण उसके क्रोध के दिन के लिये, जिसमें परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रगट होगा, अपने लिये क्रोध कमा रहा है। (रोमियों 02ः05)
#7. रोमियों 02 अध्याय के अनुसार जो जिस बात में दूसरे पर दोष लगाता है उसी बात में अपने आप को भी दोषी कैसे ठहराता है ?
उत्तर का संदर्भ:- अत: हे दोष लगानेवाले, तू कोई क्यों न हो, तू निरुत्तर है; क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है उसी बात में अपने आप को भी दोषी ठहराता है, इसलिये कि तू जो दोष लगाता है स्वयं ही वह काम करता है। (रोमियों 02ः01)
#8. जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें परमेश्वर क्या देगा ?
उत्तर का संदर्भ:- जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा; (रोमियों 02ः07)
#9. कैसे मनुष्य के प्राण पर क्लेश और संकट आएगा ?
उत्तर का संदर्भ:- और क्लेश और संकट हर एक मनुष्य के प्राण पर जो बुरा करता है आएगा, पहले यहूदी पर फिर यूनानी पर; (रोमियों 02ः09)
#10. परमेश्वर की कृपा हमें क्या सिखाती है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्या तू उसकी कृपा, और सहनशीलता, और धीरजरूपी धन को तुच्छ जानता है? क्या यह नहीं समझता कि परमेश्वर की कृपा तुझे मन फिराव को सिखाती है? (रोमियों 02ः04)
#11. रोमियों 02 अध्याय के अनुसार जिन्होंने व्यवस्था पाकर पाप किया उनका दण्ड किस अनुसार होगा ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जिन्होंने बिना व्यवस्था पाए पाप किया, वे बिना व्यवस्था के नष्ट भी होंगे; और जिन्होंने व्यवस्था पाकर पाप किया, उनका दण्ड व्यवस्था के अनुसार होगा; (रोमियों 02ः12)
#12. परमेश्वर के यहाँ व्यवस्था पर चलनेवाले क्या ठहराए जाएँगे ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर के यहाँ व्यवस्था के सुननेवाले धर्मी नहीं, पर व्यवस्था पर चलनेवाले धर्मी ठहराए जाएँगे। (रोमियों 02ः13)
#13. रोमियों 02 अध्याय के अनुसार खतने से कब लाभ होता है ?
उत्तर का संदर्भ:- यदि तू व्यवस्था पर चले तो खतने से लाभ तो है, परन्तु यदि तू व्यवस्था को न माने तो तेरा खतना बिन खतना की दशा ठहरा। (रोमियों 02ः25)
#14. रोमियों 02 अध्याय के अनुसार खतना का वास्तविक अर्थ क्या है ?
उत्तर का संदर्भ:- पर यहूदी वही है जो मन में है; और खतना वही है जो हृदय का और आत्मा में है, न कि लेख का : ऐसे की प्रशंसा मनुष्यों की ओर से नहीं, परन्तु परमेश्वर की ओर से होती है। (रोमियों 02ः29)
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आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद प्रभु आपको बहुत आशीष दे।