रोमियों अध्याय 14 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Romans Chapter 14 Quiz Questions And Answers
July 5, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. इस वचन को पूरा करें – क्योंकि लिखा है, ‘‘प्रभु कहता है, मेरे जीवन की ……………….कि हर एक घुटना ……………..टिकेगा, और हर एक जीभ ………….को अंगीकार करेगी।’’
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि लिखा है, “प्रभु कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध कि हर एक घुटना मेरे सामने टिकेगा, और हर एक जीभ परमेश्वर को अंगीकार करेगी।” (रोमियों 14ः11)
#2. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को किसे अपनी संगती में ले लो, परन्तु उसकी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- जो विश्वास में निर्बल है, उसे अपनी संगति में ले लो, परन्तु उसकी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं। (रोमियों 14ः01)
#3. रोमियों 14 अध्याय के अनुसार खानेवाला न-खानेवाले को तुच्छ न जाने, और न-खानेवाला खानेवाले पर दोष क्या न लगाए ?
उत्तर का संदर्भ:- खानेवाला न–खानेवाले को तुच्छ न जाने, और न–खानेवाला खानेवाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्वर ने उसे ग्रहण किया है। (रोमियों 14ः03)
#4. पौलुस कहते हैं, मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्चय हुआ है कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु वह किसके लिये अशुद्ध है ?
उत्तर का संदर्भ:- मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्चय हुआ है कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उसको अशुद्ध समझता है उसके लिये अशुद्ध है। (रोमियों 14ः14)
#5. इस वचन को पूरा करें – ‘‘क्योंकि मसीह इसी लिये मरा और जी भी उठा कि वह मरे हुओं और जीवतों दोनों का …………. हो।’’
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मसीह इसी लिये मरा और जी भी उठा कि वह मरे हुओं और जीवतों दोनों का प्रभु हो। (रोमियों 14ः09)
#6. रोमियों 14 अध्याय के अनुसार जो विश्वास में निर्बल है वह केवल क्या खाता है ?
उत्तर का संदर्भ:- एक को विश्वास है कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है वह साग पात ही खाता है। (रोमियों 14ः02)
#7. जो कुछ विश्वास से नहीं वह क्या है ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जो सन्देह कर के खाता है वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्वास* से नहीं, वह पाप है। (रोमियों 14ः23)
#8. रोमियों 14 अध्याय के अनुसार हमें एक-दूसरे पर क्या नहीं लगाना चाहिए ?
उत्तर का संदर्भ:- अत: आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएँ, पर तुम यह ठान लो कि कोई अपने भाई के सामने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे। (रोमियों 14ः13)
#9. जो सन्देह कर के खाता है वह दण्ड के योग्य क्यों ठहर चुका ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जो सन्देह कर के खाता है वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्वास* से नहीं, वह पाप है। (रोमियों 14ः23)
#10. इस वचन को पूरा करें – ‘‘इसलिये हम में से हर एक परमेश्वर को अपना अपना ………………देगा।’’
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये हम में से हर एक परमेश्वर को अपना अपना लेखा देगा। (रोमियों 14ः12)
#11. हमें अपने भाई को न दोष लगाना और न ही तुच्छ जानना चाहिये क्योंकि हम सब के सब कहाँ खड़े होंगे ?
उत्तर का संदर्भ:- तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सामने खड़े होंगे। (रोमियों 14ः10)
#12. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को किस वस्तु के लिये परमेश्वर का काम न बिगाड़ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- भोजन के लिये परमेश्वर का काम न बिगाड़। सब कुछ शुद्ध तो है, परन्तु उस मनुष्य के लिये बुरा है जिसको उसके भोजन से ठोकर लगती है। (रोमियों 14ः20)
#13. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को कौन सी बातों में लगे रहें कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये हम उन बातों में लगे रहें जिनसे मेलमिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। (रोमियों 14ः19)
#14. परमेश्वर का राज्य खाना-पीना नहीं परन्तु क्या है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना–पीना नहीं, परन्तु धर्म और मेलमिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है। (रोमियों 14ः17)