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यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

रोमियों अध्याय 15 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Romans Chapter 15 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. पौलुस कहाँ के लोगों को यह अच्छा लगा कि यरूशलेम के पवित्र लोगों में निर्धनों के लिये कुछ चन्दा करें कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मकिदुनिया और अखया के लोगों को यह अच्छा लगा कि यरूशलेम के पवित्र लोगों में निर्धनों के लिये कुछ चन्दा करें। (रोमियों 15ः26)

#2. रोमियों 15 अध्याय के अनुसार हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उसकी भलाई के लिये क्या करना चाहिए ?

उत्तर का संदर्भ:- हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उसकी भलाई के लिये प्रसन्न करे कि उसकी उन्नति हो (रोमियों 15ः02)

#3. इस वचन को पूरा करें – ‘‘इसलिये मैं जाति-जाति में तेरा……………….करूँगा, और तेरे नाम के भजन गाऊँगा।’’

उत्तर का संदर्भ:- और अन्यजातीय भी दया के कारण परमेश्‍वर की स्तुति करें; जैसा लिखा है, “इसलिये मैं जाति–जाति में तेरा धन्यवाद करूँगा, और तेरे नाम के भजन गाऊँगा।” (रोमियों 15ः09)

#4. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को मैं जानता हूँ कि जब मैं तुम्हारे पास आऊँगा, तो कैसे आऊँगा कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और मैं जानता हूँ कि जब मैं तुम्हारे पास आऊँगा, तो मसीह की पूरी आशीष के साथ आऊँगा। (रोमियों 15ः29)

#5. ‘‘यीशै की एक जड़ प्रगट होगी, और अन्यजातियों का हाकिम होने के लिये एक उठेगा, उस पर अन्यजातियाँ आशा रखेंगी’’ यह वचन किस भविष्यद्वक्ता ने कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और फिर यशायाह कहता है, “यिशै की एक जड़ प्रगट होगी, और अन्यजातियों का हाकिम होने के लिये एक उठेगा, उस पर अन्यजातियाँ आशा रखेंगी।” (रोमियों 15ः12)

#6. इस वचन को पूरा करें – ‘‘कि मैं अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा …………………. के समान करूँ, जिससे अन्यजातियों का मानो चढ़ाया जाना ………………….. से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।’’

उत्तर का संदर्भ:- कि मैं अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्‍वर के सुसमाचार की सेवा याजक के समान करूँ, जिससे अन्यजातियों का मानो चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए। (रोमियों 15ः16)

#7. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की कैसे स्तुति करो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- ताकि तुम एक मन और एक स्वर में हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्‍वर की स्तुति करो। (रोमियों 15ः06)

#8. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को जितनी बातें पहले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्रशास्त्र के प्रोत्साहन द्वारा क्या रखें ?

उत्तर का संदर्भ:- जितनी बातें पहले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्रशास्त्र के प्रोत्साहन द्वारा आशा रखें। (रोमियों 15ः04)

#9. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को जब मैं कहाँ जाऊँगा तो तुम्हारे पास होता हुआ जाऊँगा कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जब मैं स्पेन को जाऊँगा तो तुम्हारे पास होता हुआ जाऊँगा, क्योंकि मुझे आशा है कि उस यात्रा में तुम से भेंट होगी, और जब तुम्हारी संगति से मेरा जी कुछ भर जाए तो तुम मुझे कुछ दूर आगे पहुँचा देना। (रोमियों 15ः24)

#10. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को सुसमाचार के विषय में मेरे मन की उमंग क्या है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर मेरे मन की उमंग यह है कि जहाँ जहाँ मसीह का नाम नहीं लिया गया, वहीं सुसमाचार सुनाऊँ ऐसा न हो कि दूसरे की नींव पर घर बनाऊँ। (रोमियों 15ः20)

#11. इस वचन को पूरा करें – ‘‘हे जाति-जाति के सब लोगो, उसकी प्रजा के साथ ………… करो।’’

उत्तर का संदर्भ:- फिर कहा है, “हे जाति जाति के सब लोगो, उसकी प्रजा के साथ आनन्द करो।” (रोमियों 15ः10)

#12. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को तुम्हारे पास आने से पहले मैं पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये कहाँ को जाता हूँ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु अभी तो मैं पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूँ। (रोमियों 15ः25)

#13. हम बलवानों को निर्बलों के विषय में क्या करना चाहिए ?

उत्तर का संदर्भ:- अत: हम बलवानों को चाहिए कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें, न कि अपने आप को प्रसन्न करें। (रोमियों 15ः01)

#14. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को मैं स्वयं तुम्हारे विषय में निश्चय जानता हूँ कि तुम भी आप ही किससे भरे हो कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे भाइयो, मैं स्वयं तुम्हारे विषय में निश्‍चय जानता हूँ कि तुम भी आप ही भलाई से भरे और ईश्‍वरीय ज्ञान से भरपूर हो, और एक दूसरे को चिता सकते हो। (रोमियों 15ः14)

#15. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को जो प्रतिज्ञाएँ बापदादों को दी गई थीं उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, किसलिए खतना किए हुए लोगों का सेवक बना कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये मैं कहता हूँ कि जो प्रतिज्ञाएँ बापदादों को दी गई थीं उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह, परमेश्‍वर की सच्‍चाई का प्रमाण देने के लिये, खतना किए हुए लोगों का सेवक बना; (रोमियों 15ः08)

#16. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के किससे परिपूर्ण करें कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- परमेश्‍वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्‍वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए। (रोमियों 15ः13)

#17. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को धीरज और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में कैसे रहो कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- धीरज और शान्ति का दाता परमेश्‍वर तुम्हें यह वरदान दे कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। (रोमियों 15ः05)

#18. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को जैसा मसीह ने परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी क्या करो कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये, जैसा मसीह ने परमेश्‍वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो। (रोमियों 15ः07)

#19. पौलुस रोमियों के विश्वासियों को मेरे लिये परमेश्वर से प्रार्थना करो कि मैं कहाँ के अविश्वासियों से बचा रहूँ कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- कि मैं यहूदिया के अविश्‍वासियों से बचा रहूँ, और मेरी वह सेवा जो यरूशलेम के लिये है, पवित्र लोगों को भाए;  (रोमियों 15ः31)

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