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02 कुरिन्थियों अध्याय 05 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 02 Corinthians Chapter 05 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार हम रूप को देखकर नहीं, पर कैसे चलते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं। (02 कुरिन्थियों 05ः07)

#2. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्वर की क्या बन जाएँ ?

उत्तर का संदर्भ:- जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं॥ (02 कुरिन्थियों 05ः21)

#3. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार परमेश्वर ने अपने साथ हमारा मेल-मिलाप किसके द्वारा कर लिया है ?

उत्तर का संदर्भ:- और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिस ने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। (02 कुरिन्थियों 05ः18)

#4. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा जो हाथों से बना हुआ घर नहीं, परन्तु कैसा होगा ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। (02 कुरिन्थियों 05ः01)

#5. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार हम मसीह के कौन हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। (02 कुरिन्थियों 05ः20)

#6. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार पौलुस हमारे मन की उमंग यह है कि चाहे साथ रहें चाहे अलग रहें, पर हम प्रभु को क्या करते रहें कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें। (02 कुरिन्थियों 05ः09)

#7. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार यदि कोई मसीह में है तो वह क्या है ?

उत्तर का संदर्भ:- सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। (02 कुरिन्थियों 05ः17)

#8. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार पौलुस हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं कि परमेश्वर के साथ क्या कर लो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। (02 कुरिन्थियों 05ः20)

#9. परमेश्वर ने हमें बयाने में क्या दिया है ?

उत्तर का संदर्भ:- और जिस ने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिस ने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है। (02 कुरिन्थियों 05ः05)

#10. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय में पौलुस पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर में हम कराहते और बड़ी लालसा रखते हैं कि किसे पहिन लें कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्वर्गीय घर को पहिन लें। (02 कुरिन्थियों 05ः02)

#11. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार हम सब का हाल कहाँ खुल जाएगा कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उस ने देह के द्वारा किए हों पाए॥ (02 कुरिन्थियों 05ः10)

#12. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार पृथ्वी पर हमारा घर कैसा है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। (02 कुरिन्थियों 05ः01)

#13. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार पौलुस हम सदा ढाढ़स बाँधे रहते हैं और यह जानते हैं कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक किससे अलग हैं कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सो हम सदा ढाढ़स बान्धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं। (02 कुरिन्थियों 05ः06)

#14. 02 कुरिन्थियों 05 अध्याय के अनुसार पौलुस कुरिन्थियों के विश्वासियों को यदि हम बेसुध हैं तो परमेश्वर के लिये, और यदि चैतन्य हैं तो किसके लिये हैं कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। (02 कुरिन्थियों 05ः13)

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