फिलिप्पियों अध्याय 02 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Philippians Chapter 02 Quiz Questions And Answers
September 4, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को यदि मुझे तुम्हारे विश्वास रूपी बलिदान और सेवा के साथ अपना लहू भी बहाना पड़े, तौभी मैं क्या हूँ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्द करता हूं। (फिलिप्पियों 02ः17)
#2. फिलिप्पियों 02 अध्याय के अनुसार यीशु मसीह ने परमेश्वर के स्वरूप में होकर भी किसको अपने वश में रखने की वस्तु न समझा ?
उत्तर का संदर्भ:- जिस ने परमेश्वर के स्वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। (फिलिप्पियों 02ः06)
#3. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को किसके विषय में यह बात कहते हैं – “पर उसको तो तुम ने परखा और जान भी लिया है कि जैसा पुत्र पिता के साथ करता है, वैसा ही उसने सुसमाचार के फैलाने में मेरे साथ परिश्रम किया” ?
उत्तर का संदर्भ:- पर उसको तो तुम ने परखा और जान भी लिया है, कि जैसा पुत्र पिता के साथ करता है, वैसा ही उस ने सुसमाचार के फैलाने में मेरे साथ परिश्रम किया। (फिलिप्पियों 02ः22)
#4. फिलिप्पियों के विश्वासी पौलुस का आनन्द कैसे पूरा कर सकते थे ?
उत्तर का संदर्भ:- तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। (फिलिप्पियों 02ः02)
#5. परमेश्वर ने किसको अति महान भी किया, और किसे वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है ?
उत्तर का संदर्भ:- इस कारण परमेश्वर ने उस को अति महान भी किया, और उस को वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। (फिलिप्पियों 02ः09)
#6. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को हर एक अपने ही हित की नहीं, वरन् किसकी भी चिन्ता करे कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्ता करे। (फिलिप्पियों 02ः04)
#7. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को अपना कौन सा कार्य पूरा करते जाओ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ। (फिलिप्पियों 02ः12)
#8. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को मुझे प्रभु यीशु में आशा है कि मैं किसको तुम्हारे पास तुरन्त भेजूँगा, ताकि तुम्हारी दशा सुनकर मुझे शान्ति मिले कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- मुझे प्रभु यीशु में आशा है, कि मैं तीमुथियुस को तुम्हारे पास तुरन्त भेजूंगा, ताकि तुम्हारी दशा सुनकर मुझे शान्ति मिले। (फिलिप्पियों 02ः19)
#9. इस वचन को पूरा करें – “यीशु मसीह ने अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और ………. का स्वरूप धारण किया और ……. की समानता में हो गया।”
उत्तर का संदर्भ:- वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। (फिलिप्पियों 02ः07)
#10. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को विरोध या झूठी बढ़ाई के लिये कुछ न करो, पर दीनता से एक दूसरे को अपने से क्या समझों कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। (फिलिप्पियों 02ः03)
#11. पौलुस ने फिलिप्पियों के विश्वासियों को किसके विषय में यह बात कहते हैं – “जो मेरा भाई और सहकर्मी है और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना आवश्यक समझा” ?
उत्तर का संदर्भ:- पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा। (फिलिप्पियों 02ः25)
#12. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को सब काम कैसे करो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो। (फिलिप्पियों 02ः14)
#13. कौन इतना बीमार हो गया था कि मरने पर था ?
उत्तर का संदर्भ:- और निश्चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्तु परमेश्वर ने उस पर दया की; और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो। (फिलिप्पियों 02ः27)
#14. ‘‘जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो’’ यह वचन कहा लिखा है ?
उत्तर का संदर्भ:- जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो। (फिलिप्पियों 02ः05)
#15. कहां-कहां के लोग यीशु मसीह के नाम से घुटने देंकेंगे ?
उत्तर का संदर्भ:- कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। (फिलिप्पियों 02ः10)




