फिलिप्पियों अध्याय 04 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Philippians Chapter 04 Quiz Questions And Answers
September 4, 2025

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#1. फिलिप्पियों की कलीसिया किसके हाथ से वस्तुएं भेजी थी जिन्हें पाकर पौलुस तृप्त हो गया हूं कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्त हो गया हूं, वह तो सुगन्ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है। (फिलिप्पियों 04ः18)
#2. फिलिप्पियों 04 अध्याय में पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को इनमें से किन-किन बातों पर ध्यान लगाने के लिये कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो। (फिलिप्पियों 04ः08)
#3. पौलुस परमेश्वर की शांति, जो सारी समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को किसमें सुरक्षित रखेगी कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी॥ (फिलिप्पियों 04ः07)
#4. फिलिप्पियों की कलीसिया पौलुस की घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन दो बार कुछ भेजा था तब पौलुस कौन से नगर में थे ?
उत्तर का संदर्भ:- इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन दो बार कुछ भेजा था। (फिलिप्पियों 04ः16)
#5. फिलिप्पियों 04 अध्याय में पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को इनमें से किन-किन बातों पर ध्यान लगाने के लिये कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो। (फिलिप्पियों 04ः08)
#6. इस वचन को पूरा करें – ‘‘जो मुझे ……….देता है उसमें मैं ………. कर सकता हूँ’’
उत्तर का संदर्भ:- जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं। (फिलिप्पियों 04ः13)
#7. फिलिप्पियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को तुम्हारी क्या सब मनुष्यों पर प्रगट हो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है। (फिलिप्पियों 04ः05)
#8. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को मैं ने क्या सीखा है कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्तोष करूं।(फिलिप्पियों 04ः11)
#9. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को मैं प्रभु में क्या हूँ कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारी चिन्ता मेरे विषय में फिर जागृत हुई है कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- मैं प्रभु में बहुत आनन्दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।(फिलिप्पियों 04ः10)
#10. फिलिप्पियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस किसको-किसको एक मन रहने के लिये समझाते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- मैं यूओदिया को भी समझाता हूं, और सुन्तुखे को भी, कि वे प्रभु में एक मन रहें। (फिलिप्पियों 04ः02)
#11. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को इनमें से मैं क्या-क्या जानता हूँ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। (फिलिप्पियों 04ः12)
#12. फिलिप्पियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस किनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हैं कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और हे सच्चे सहकर्मी मैं तुझ से भी बिनती करता हूं, कि तू उन स्त्रियों की सहयता कर, क्योंकि उन्होंने मेरे साथ सुसमाचार फैलाने में, क्लेमेंस और मेरे उन और सहकिर्मयों समेत परिश्रम किया, जिन के नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं। (फिलिप्पियों 04ः03)
#13. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण कीं, और सुनीं, और मुझ में देखीं, उन्हीं का पालन किया करो, तब क्या होगा कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा॥ (फिलिप्पियों 04ः09)
#14. फिलिप्पियों 04ः04 में क्या लिखा है ?
उत्तर का संदर्भ:- प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्दित रहो। (फिलिप्पियों 04ः04)
#15. ‘‘किसी भी बात की चिन्ता मत करों, परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किये जाएं’’ कहां लिखा है ?
उत्तर का संदर्भ:- किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। (फिलिप्पियों 04ः06)
#16. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को यह नहीं कि मैं दान चाहता हूँ परन्तु मैं कैसा फल चाहता हूँ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए। (फिलिप्पियों 04ः17)




