01 थिस्सलुनीकियों अध्याय 02 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 01 Thessalonians Chapter 02 Quiz Questions And Answers
September 8, 2025

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#1. 01 थिस्लुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस थिस्लुनीके के विश्वासियों को एक बार नहीं वरन् दो बार तुम्हारे पास आना चाहा, परन्तु उसे किसने रोके रहा ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये हम ने (अर्थात मुझ पौलुस ने) एक बार नहीं, वरन दो बार तुम्हारे पास आना चाहा, परन्तु शैतान हमें रोके रहा। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः18)
#2. पौलुस और उसके साथी 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय में थिस्लुनीके के विश्वासियों को तुम्हारा चाल-चलन किसके योग्य हो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है॥ (01 थिस्सलुनीकियों 02ः12)
#3. 01 थिस्लुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार कहां के यहूदी प्रभु यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को भी मार डाला और पौलुस और उसके साथी को सताया, और परमेश्वर उन से प्रसन्न नहीं है, और वे सब मनुष्यों का विरोध करते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये कि तुम, हे भाइयो, परमेश्वर की उन कलीसियाओं की सी चाल चलने लगे, जो यहूदिया में मसीह यीशु में हैं, क्योंकि तुम ने भी अपने लोगों से वैसा ही दुख पाया, जैसा उन्होंने यहूदियों से पाया था। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः14)
#4. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी मनुष्यों को नहीं परन्तु किसको प्रसन्न करने के लिये हम सुसमाचार का वर्णन करते हैं कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जांचता है, प्रसन्न करते हैं। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः04)
#5. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीके के विश्वासियों को किस मामले में परमेश्वर को गवाह है कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी लल्लोपत्तो की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः05)
#6. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीके के विश्वासियों को हमारा उपदेश इनमें से किसके साथ नहीं है कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः03)
#7. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीके की कलीसिया को जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच रहकर क्या दिखाई है कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रह कर कोमलता दिखाई है। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः07)
#8. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी क्या करते हुये परमेश्वर का सुसमाचार थिस्सुनीके की कलीसिया में प्रचार किया कि विश्वासियों में से किसी पर भार न हो ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्ट को स्मरण रखते हो, कि हम ने इसलिये रात दिन काम धन्धा करते हुए तुम में परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया, कि तुम में से किसी पर भार न हों। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः09)
#9. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी हम किससे आदर नहीं चाहते थे कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, तौभी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः06)
#10. 01 थिस्लुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस यहूदिया के यहूदी अन्यजातियों से उनके किस विषय की बातें करने से हमें रोकते हैं कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- और वे अन्यजातियों से उन के उद्धार के लिये बातें करने से हमें रोकते हैं, कि सदा अपने पापों का नपुआ भरते रहें; पर उन पर भयानक प्रकोप आ पहुंचा है॥ (01 थिस्सलुनीकियों 02ः16)
#11. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार जब पौलुस और उसके साथी द्वारा परमेश्वर का वचन थिस्लुनीके के विश्वासियों के पास पहुंचा तो उन्होंने किसका वचन समझकर ग्रहण किया ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उस मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः13)
#12. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी किस स्थान पर दुःख उठाये और उपद्रव सहा ?
उत्तर का संदर्भ:- वरन तुम आप ही जानते हो, कि पहिले पहिल फिलिप्पी में दुख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः02)
#13. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी का थिस्लुनीके के विश्वासियों के बीच इनमें से कैसा व्यवहार था ?
उत्तर का संदर्भ:- तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः10)
#14. 01 थिस्लुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस थिस्लुनीके के विश्वासियों को हमारे प्रभु यीशु के सम्मुख उसके आने के समय तुम हमारे लिये इनमें से क्या हो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- भला हमारी आशा, या आनन्द या बड़ाई का मुकुट क्या है? क्या हमारे प्रभु यीशु के सम्मुख उसके आने के समय तुम ही न होगे? (01 थिस्सलुनीकियों 02ः19)
#15. 01 थिस्सलुनीकियों 02 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीके के विश्वासियों के साथ जैसा पिता अपने बालकों के साथ व्यवहार करता है वैसे ही हम भी तुम में से हर एक को इनमें से क्या-क्या करते थे ?
उत्तर का संदर्भ:- जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे। (01 थिस्सलुनीकियों 02ः11)




