01 थिस्सलुनीकियों अध्याय 04 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 01 Thessalonians Chapter 04 Quiz Questions And Answers
September 11, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी से थिस्सलुनीकियों के विश्वासी क्या सीखे थे जिसमें वैसे ही और भी बढ़ते जाओ कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः01)
#2. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीकियों के विश्वासियों को तुम से हर एक अपनी पत्नी को किस प्रकार प्राप्त करना जाने कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्त करना जाने। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः04)
#3. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार परमेश्वर ने हमें क्या होने के लिये नहीं बुलाया है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु पवित्र होने के लिये बुलाया है। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः07)
#4. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस थिस्सलुनीकियों के विश्वासियों को आपस में प्रेम रखना तुमने आप ही किससे सीखा है कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- किन्तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह अवश्य नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूं; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः09)
#5. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीके के विश्वासियों को परमेश्वर की इच्छा यही है कि तुम क्या बनो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः03)
#6. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार “हम जो जीवित हैं और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे, तो किससे कभी आगे न बढ़ेंगे” ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः15)
#7. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार जब प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा तब इनमंे से क्या-क्या घटनाएँ होगी ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः15)
#8. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस और उसके साथी थिस्सलुनीकियों के विश्वासियों को कौन से पाप से बचे रहो कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः03)
#9. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार परमेश्वर ने हमें क्या होने के लिये बुलाया है ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु पवित्र होने के लिये बुलाया है। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः07)
#10. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस थिस्सलुनीकियों के विश्वासियों को क्योंकि यदि हम विश्वास करते हैं कि यीशु मरा और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर किन्हें, उसी के साथ ले आएगा ?
उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः14)
#11. विश्वासियों को पवित्र आत्मा कौन देता है ?
उत्तर का संदर्भ:- इस कारण जो तुच्छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है॥ (01 थिस्सलुनीकियों 04ः08)
#12. पौलुस थिस्सलुनीकियों के विश्वासियों को इनमे से क्या क्या आज्ञा दी थी ?
उत्तर का संदर्भ:- और जैसी हम ने तुम्हें आज्ञा दी, वैसे ही चुपचाप रहने और अपना अपना काम काज करने, और अपने अपने हाथों से कमाने का प्रयत्न करो। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः11)
#13. 01 थिस्सलुनीकियों 04 अध्याय के अनुसार पौलुस थिस्सलुनीकियों के विश्वासियों को कौन लोग शोक करते है कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं। (01 थिस्सलुनीकियों 04ः13)




