तीतुस अध्याय 2 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Titus Chapter 2 Quiz Questions And Answers
November 6, 2024

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#1. तीतुस 02ः11 के अनुसार सब मनुष्यों के उद्धार का कारण क्या है ?
उत्तर का संदर्भ:- चोरी चालाकी न करें; पर सब प्रकार से पूरे विश्वासी निकलें, कि वे सब बातों में हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर के उपदेश को शोभा दें। क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह प्रगट है, जो सब मनुष्यों के उद्धार का कारण है। (तीतुस 02:10-11)
#2. पौलुस तीतुस को जवान स्त्रियों के विषय में संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करनेवाली, भली, और अपने-अपने पति के अधीन रहनेवाली क्यो हों कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करने वाली, भली और अपने अपने पति के आधीन रहने वाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए। (तीतुस 02:05)
#3. पौलुस तीतुस को सब बातों में अपने आप को भले कामों का क्या बना कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- सब बातों में अपने आप को भले कामों का नमूना बना: तेरे उपदेश में सफाई, गम्भीरता (तीतुस 02:07)
#4. पौलुस तीतुस को बूढ़ी स्त्रियों को कैसा होने के लिये सिखा कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- इसी प्रकार बूढ़ी स्त्रियों का चाल चलन पवित्र लोगों सा हो, दोष लगाने वाली और पियक्कड़ नहीं; पर अच्छी बातें सिखाने वाली हों। (तीतुस 02:03)
#5. पौलुस तीतुस को बूढ़े पुरूष को कैसा होने के लिये सिखा कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- अर्थात बूढ़े पुरूष, सचेत और गम्भीर और संयमी हों, और उन का विश्वास और प्रेम और धीरज पक्का हो। (तीतुस 02:01)
#6. पौलुस तीतुस को ………….. के साथ ये बातें कह, और समझा और सिखाता रह, कोई तुझे तुच्छ न जानने पाए कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- पूरे अधिकार के साथ ये बातें कह और समझा और सिखाता रह: कोई तुझे तुच्छ न जानने पाए॥ (तीतुस 02:15)
#7. हमें क्या चेतावनी देता है कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धर्म और भक्ति से जीवन बिताएं ?
उत्तर का संदर्भ:- और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेर कर इस युग में संयम और धर्म और भक्ति से जीवन बिताएं। (तीतुस 02:12)
#8. पौलुस बूढ़ी स्त्रिया जवान स्त्रियों को क्या चेतावनी देती रहें ?
उत्तर का संदर्भ:- ताकि वे जवान स्त्रियों को चितौनी देती रहें, कि अपने पतियों और बच्चों से प्रीति रखें। (तीतुस 02:04)
#9. तीतुस 02 अध्याय के अनुसार दासों को अपने स्वामियों के प्रति कैसा व्यवहार रखना चाहिये ?
उत्तर का संदर्भ:- दासों को समझा, कि अपने अपने स्वामी के आधीन रहें, और सब बातों में उन्हें प्रसन्न रखें, और उलट कर जवाब न दें। (तीतुस 02:09)
#10. पौलुस तीतुस को जवान पुरूषों को क्या होने के लिये समझाया कर कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- ऐसे ही जवान पुरूषों को भी समझाया कर, कि संयमी हों। (तीतुस 02:06)
#11. तीतुस 02 अध्याय के अनुसार उस धन्य आशा की अर्थात अपने महान् परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की क्या करते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और उस धन्य आशा की अर्थात अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें। (तीतुस 02:13)
#12. पौलुस तीतुस को तेरे उपदेश में सफाई, गंभीरता और ऐसी खराई पाई जाए कि कोई उसे क्या न कह सके कहते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- और ऐसी खराई पाई जाए, कि कोई उसे बुरा न कह सके; जिस से विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्ज़ित हों। (तीतुस 02:08)
#13. यीशु मसीह ने अपने आप को हमारे लिये क्यों दे दिया है ?
उत्तर का संदर्भ:- जिस ने अपने आप को हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले भले कामों में सरगर्म हो॥ (तीतुस 02:14)




