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याकूब अध्याय 2 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | James Chapter 2 Quiz Questions And Answers

01 कुरिन्थियों अध्याय 05 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी हृदय से गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. याकूब 02 अध्याय के अनुसार परमेश्वर ने अपने राज्य के अधिकारी होने की प्रतिज्ञा किनसे की है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उस ने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं (याकूब 02:05)

#2. याकूब 02 अध्याय के अनुसार परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को क्यों चुना है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उस ने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं (याकूब 02:05)

#3. याकूब 02 अध्याय के अनुसार जिसने दया नहीं की, उसका न्याय कैसे होगा ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जिस ने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्त होती है॥ (याकूब 02:13)

#4. याकूब 02 अध्याय में कौन सी राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो। (याकूब 02:08)

#5. याकूब 02 अध्याय के अनुसार क्या कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है ?

उत्तर का संदर्भ:- वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है। (याकूब 02:17)

#6. याकूब 02 अध्याय के अनुसार दुष्टात्मा भी क्या विश्वास रखते और थरथराते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं। (याकूब 02:19)

#7. न्याय पर क्या जयवन्त होती है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जिस ने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्त होती है॥ (याकूब 02:13)

#8. याकूब यदि तुम पक्षपात करते हों तो क्या करते हो, और व्यवस्था तुम्हें क्या ठहराती है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है। (याकूब 02:09)

#9. याकूब 02 अध्याय के अनुसार अब्राहम अपने कर्मों से कैसे धार्मिक ठहरा ?

उत्तर का संदर्भ:- जब हमारे पिता इब्राहीम ने अपने पुत्र इसहाक को वेदी पर चढ़ाया, तो क्या वह कर्मों से धामिर्क न ठहरा था? (याकूब 02:21)

#10. याकूब 02 अध्याय के अनुसार किसने दूतों को अपने घर में उतारा और दूसरे मार्ग से विदा किया, और कर्मों से धार्मिक ठहरी ?

उत्तर का संदर्भ:- वैसे ही राहाब वेश्या भी जब उस ने दूतों को अपने घर में उतारा, और दूसरे मार्ग से विदा किया, तो क्या कर्मों से धामिर्क न ठहरी? (याकूब 02:25)

#11. याकूब तुम उन लोगों के समान वचन बोलो और काम भी करों, जिनका न्याय किसके अनुसार होगा कहते हैं?

उत्तर का संदर्भ:- तुम उन लोगों की नाईं वचन बोलो, और काम भी करो, जिन का न्याय स्वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार होगा। (याकूब 02:12)

#12. याकूब विश्वासियों को प्रभु यीशु मसीह पर तुम्हारा विश्वास किसके साथ न हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो। (याकूब 02:01)

#13. याकूब 02 अध्याय के अनुसार कौन परमेश्वर का मित्र कहलाया ?

उत्तर का संदर्भ:- और पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ, कि इब्राहीम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये धर्म गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया। (याकूब 02:23)

#14. याकूब 02 अध्याय के अनुसार जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में क्या ठहर चुका ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा। (याकूब 02:10)

#15. याकूब ने धनी लोगों पर क्या आरोप लगाये हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते? (याकूब 02:06)

#16. याकूब 02 अध्याय के अनुसार कर्म बिना क्या व्यर्थ है ?

उत्तर का संदर्भ:- पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है? (याकूब 02:20)

#17. याकूब 02 अध्याय के अनुसार किसके बिना विश्वास का लाभ नहीं होता है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? (याकूब 02:14)

#18. याकूब ने 02 अध्याय 1 पद में प्रभु यीशु मसीह को क्या उपाधि दी है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो। (याकूब 02:01)

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