1 यूहन्ना अध्याय 4 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 1 John Chapter 4 Quiz Questions And Answers
November 6, 2024

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषीत होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. परमेश्वर के आत्मा को हम किस रीति से पहचान सकते हैं ?
उत्तर का संदर्भ:- परमेश्वर का आत्मा तुम इसी रीति से पहचान सकते हो, कि जो कोई आत्मा मान लेती है, कि यीशु मसीह शरीर में होकर आया है वह परमेश्वर की ओर से है। (01 यूहन्ना 04:02)
#2. हमें आत्माओं को क्यों परखना चाहिये कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं ?
उत्तर का संदर्भ:- हे प्रियों, हर एक आत्मा की प्रतीति न करो: वरन आत्माओं को परखो, कि वे परमेश्वर की ओर से हैं कि नहीं; क्योंकि बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता जगत में निकल खड़े हुए हैं। (01 यूहन्ना 04:01)
#3. जो कोई क्या मान लेता है तो परमेश्वर उसमें बना रहता है, और वह परमेश्वर में ?
उत्तर का संदर्भ:- जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में। (01 यूहन्ना 04:15)
#4. 01 यूहन्ना 04 अध्याय 20 आयत के अनुसार झूठा कौन है ?
उत्तर का संदर्भ:- यदि कोई कहे, कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं; और अपने भाई से बैर रखे; तो वह झूठा है: क्योंकि जो अपने भाई से, जिस उस ने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उस ने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता। (01 यूहन्ना 04:20)
#5. 01 यूहन्ना 04 अध्याय के अनुसार हमारी कौन नहीं सुनता है ?
उत्तर का संदर्भ:- हम परमेश्वर के हैं: जो परमेश्वर को जानता है, वह हमारी सुनता है; जो परमेश्वर को नहीं जानता वह हमारी नहीं सुनता; इसी प्रकार हम सत्य की आत्मा और भ्रम की आत्मा को पहचान लेते हैं। (01 यूहन्ना 04:06)
#6. 01 यूहन्ना 04 अध्याय के अनुसार परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा, पर परमेश्वर हम में कब बना रहता है ?
उत्तर का संदर्भ:- परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है। (01 यूहन्ना 04:12)
#7. इस वचन को पूरा करें – “इसी से प्रेम हम में ……….. हुआ कि हमें ……. के दिन हियाव हो, क्योंकि जैसा वह (मसीह) है वैसे ही संसार में हम भी हैं।”
उत्तर का संदर्भ:- इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं। (01 यूहन्ना 04:17)
#8. 01 यूहन्ना 04 अध्याय के अनुसार जो कोई प्रेम करता है, वह किससे जन्मा है ?
उत्तर का संदर्भ:- हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। (01 यूहन्ना 04:07)
#9. 01 यूहन्ना 04 अध्याय के अनुसार सिद्ध प्रेम किसे दूर कर देता है ?
उत्तर का संदर्भ:- प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ। (01 यूहन्ना 04:18)
#10. 01 यूहन्ना 04 अध्याय के अनुसार भय का संबंध किससे होता है ?
उत्तर का संदर्भ:- प्रेम में भय नहीं होता। परन्तु सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय का सम्बन्ध दण्ड से है। जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं होता। (01 यूहन्ना 04:18)
#11. 01 यूहन्ना 04 अध्याय 21 आयत में मसीह से हमें प्रेम के विषय में क्या आज्ञा मिली है ?
उत्तर का संदर्भ:- और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे॥ (01 यूहन्ना 04:21)
#12. 01 यूहन्ना 04 अध्याय के अनुसार कौन परमेश्वर को नहीं जानता है ?
उत्तर का संदर्भ:- हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। (01 यूहन्ना 04:07)
#13. जो आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्वर की ओर से नहीं पर किसकी आत्मा है ?
उत्तर का संदर्भ:- और जो कोई आत्मा यीशु को नहीं मानती, वह परमेश्वर की ओर से नहीं; और वही तो मसीह के विरोधी की आत्मा है; जिस की चर्चा तुम सुन चुके हो, कि वह आने वाला है: और अब भी जगत में है। (01 यूहन्ना 04:03)
#14. संसारिक लोग संसार की बातें क्यों बालते हैं और संसार उनकी सुनता है ?
उत्तर का संदर्भ:- वे संसार के हैं, इस कारण वे संसार की बातें बोलते हैं, और संसार उन की सुनता है। (01 यूहन्ना 04:06)
#15. परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में क्यों भेजा है ?
उत्तर का संदर्भ:- जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। (01 यूहन्ना 04:09)
#16. परमेश्वर ने हमसे प्रेम किया और अपने प्रेम को कैसे प्रगट किया है ?
उत्तर का संदर्भ:- प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उस ने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा। (01 यूहन्ना 04:10)