Masih Jeevan

यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

यूहन्ना अध्याय 15 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | John Chapter 15 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. यूहन्ना 15 अध्याय के अनुसार हम यीशु के मित्र कब बनते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। (यूहन्ना 15ः14)

#2. यूहन्ना 15 अध्याय के अनुसार सबसे बड़ा प्रेम क्या है ?

उत्तर का संदर्भ:- इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। (यूहन्ना 15ः13)

#3. यीशु ने किस शर्त पर जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। (यूहन्ना 15ः07)

#4. यीशु ने अपने चेलों को संसार तुम से क्यों बैर रखता है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रीति रखता, परन्तु इस कारण कि तुम संसार के नहीं, वरन मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है इसी लिये संसार तुम से बैर रखता है। (यूहन्ना 15ः19)

#5. यीशु के प्रेम में हम कब बने रह सकते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। (यूहन्ना 15ः10)

#6. इस वचन को पूरा करें – ‘‘तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें …………. किया है कि तुम जाकर फल लाओं और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम ………… से जो कुछ …………………..से माँगो, वह तुम्हें दे’’

उत्तर का संदर्भ:- तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। (यूहन्ना 15ः16)

#7. यूहन्ना 15 अध्याय में यीशु ने अपने पिता को क्या कहा है ?

उत्तर का संदर्भ:- सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है। (यूहन्ना 15ः01)

#8. डाली अपने आप से कब फल नहीं सकती ?

उत्तर का संदर्भ:- तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। (यूहन्ना 15ः04)

#9. यूहन्ना 15 अध्याय के अनुसार जो डाली नहीं फलती उसे किसान क्या करता है ?

उत्तर का संदर्भ:- जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले। (यूहन्ना 15ः02)

#10. यूहन्ना 15 अध्याय में यीशु ने अपने आप को मैं क्या हूँ कहा है ?

उत्तर का संदर्भ:- सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है। (यूहन्ना 15ः01)

#11. जो कोई यीशु से बैर रखता है वह किससे बैर रखता है ?

उत्तर का संदर्भ:- जो मुझ से बैर रखता है, वह मेरे पिता से भी बैर रखता है। (यूहन्ना 15ः23)

#12. यूहन्ना 15 अध्याय के अनुसार किस स्थिति में हम कुछ भी नहीं कर सकते ?

उत्तर का संदर्भ:- मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। (यूहन्ना 15ः05)

#13. यूहन्ना 15 अध्याय के अनुसार यीशु ने मेरे पिता की महिमा किससे होती है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। (यूहन्ना 15ः08)

#14. सत्य का आत्मा हमें किसकी ओर से मिलता है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं तुम्हारे पास पिता की ओर से भेजूंगा, अर्थात सत्य का आत्मा जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरी गवाही देगा। (यूहन्ना 15ः26)

#15. यूहन्ना 15 अध्याय के अनुसार यीशु ने मेरी आज्ञा क्या है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। (यूहन्ना 15ः12)

Previous
Finish

Results

Congratulation…! You are Passed

Sorry…! Better Luck Next Time

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *