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प्रेरितों के काम अध्याय 05 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Acts Chapter 05 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. प्रभु के एक स्वर्गदूत ने प्रेरितों को बन्दीगृह से कब बाहर निकाल दिया था ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु रात को प्रभु के एक स्वर्गदूत ने बन्दीगृह के द्वार खोलकर उन्हें बाहर लाकर कहा। (प्रेरितों के काम 05ः19)

#2. प्रेरितों को किसने कहा था कि जाओ, मन्दिर में खड़े होकर इस जीवन की सब बातें लोगों को सुनाओ ?

उत्तर का संदर्भ:- कि जाओ, मन्दिर में खड़े होकर, इस जीवन की सब बातें लोगों को सुनाओ। (प्रेरितों के काम 05ः20)

#3. सरदार, प्यादों के साथ जाकर महासभा में प्रेरितों को बलपूर्वक क्यों नहीं लाये थे ?

उत्तर का संदर्भ:- तब सरदार, प्यादों के साथ जाकर, उन्हें ले आया, परन्तु बरबस नहीं, क्योंकि वे लोगों से डरते थे, कि हमें पत्थरवाह न करें। (प्रेरितों के काम 05ः26)

#4. लोग बीमारों को सड़कों पर ला लाकर, खाटों और खटोलों पर लिटा देते थे कि जब कौन आए, तो उसकी छाया ही उनमें से किसी पर पड़ जाए ?

उत्तर का संदर्भ:- यहां तक कि लोग बीमारों को सड़कों पर ला लाकर, खाटों और खटोलों पर लिटा देते थे, कि जब पतरस आए, तो उस की छाया ही उन में से किसी पर पड़ जाए। (प्रेरितों के काम 05ः15)

#5. बन्दीगृह से बाहर निकलकर प्रेरितों ने कब मन्दिर में जाकर उपदेश देने लगे थे ?

उत्तर का संदर्भ:- वे यह सुनकर भोर होते ही मन्दिर में जाकर उपदेश देने लगे: परन्तु महायाजक और उसके साथियों ने आकर महासभा को और इस्त्राएलियों के सब पुरनियों को इकट्ठे किया, और बन्दीगृह में कहला भेजा कि उन्हें लाएं। (प्रेरितों के काम 05ः21)

#6. पतरस ने हनन्याह से कहा तू मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला है, ये बातें सुनते ही हनन्याह का क्या हुआ ?

उत्तर का संदर्भ:- जब तक वह तेरे पास रही, क्या तेरी न थी? और जब बिक गई तो क्या तेरे वश में न थी? तू ने यह बात अपने मन में क्यों विचारी? तू मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला। (प्रेरितों के काम 05ः04)

#7. हनन्याह और उसकी पत्नी ने अपनी सम्पत्ति बेचकर उसके दाम में से कुछ रख छोड़ा और उसका एक भाग का क्या किया था ?

उत्तर का संदर्भ:- और उसके दाम में से कुछ रख छोड़ा; और यह बात उस की पत्नी भी जानती थी, और उसका एक भाग लाकर प्रेरितों के पावों के आगे रख दिया। (प्रेरितों के काम 05ः02)

#8. हनन्याह और उसकी पत्नी ने अपने कौन सी सम्पत्ति बेची थी ?

उत्तर का संदर्भ:- और हनन्याह नाम एक मनुष्य, और उस की पत्नी सफीरा ने कुछ भूमि बेची। (प्रेरितों के काम 05ः01)

#9. पतरस ने हनन्याह की पत्नी को यह क्या बात है कि तुम दोनों ने किसलिये एका किया है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- पतरस ने उस से कहा; यह क्या बात है, कि तुम दोनों ने प्रभु की आत्मा की परीक्षा के लिये एका किया है देख, तेरे पति के गाड़ने वाले द्वार ही पर खड़े हैं, और तुझे भी बाहर ले जाएंगे। (प्रेरितों के काम 05ः09)

#10. महासभा में प्रेरितों पर क्या आरोप लगाया गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- क्या हम ने तुम्हें चिताकर आज्ञा न दी थी, कि तुम इस नाम से उपदेश न करना? तौभी देखो, तुम ने सारे यरूशलेम को अपने उपदेश से भर दिया है और उस व्यक्ति का लोहू हमारी गर्दन पर लाना चाहते हो। (प्रेरितों के काम 05ः28)

#11. पतरस और अन्य प्रेरित महासभा में जवाब देते समय यीशु को परमेश्वर ने प्रभु और उद्धारकर्ता ठहराकर, अपने दाहिने हाथ पर उच्च कर दिया, कि वह इस्राएलियों को क्या प्रदान करे कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- उसी को परमेश्वर ने प्रभु और उद्धारक ठहराकर, अपने दाहिने हाथ से सर्वोच्च कर दिया, कि वह इस्त्राएलियों को मन फिराव की शक्ति और पापों की क्षमा प्रदान करे। (प्रेरितों के काम 05ः31)

#12. पतरस ने “हे हनन्याह ! शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली कि तू किससे झूठ बोले, और भूमि के दाम में से कुछ रख छोड़े कहा” ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु पतरस ने कहा; हे हनन्याह! शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली है कि तू पवित्र आत्मा से झूठ बोले, और भूमि के दाम में से कुछ रख छोड़े? (प्रेरितों के काम 05ः03)

#13. प्रेरितों के काम 05 अध्याय के अनुसार थियुदास यह कहता हुआ उठा, कि मैं भी कुछ हूँ, और कितने मनुष्य उसके साथ हो लिये थे ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि इन दिनों से पहले यियूदास यह कहता हुआ उठा, कि मैं भी कुछ हूं; और कोई चार सौ मनुष्य उसके साथ हो लिये, परन्तु वह मारा गया; और जितने लोग उसे मानते थे, सब तित्तर बित्तर हुए और मिट गए। (प्रेरितों के काम 05ः36)

#14. हनन्याह की पत्नी का क्या नाम था ?

उत्तर का संदर्भ:- और हनन्याह नाम एक मनुष्य, और उस की पत्नी सफीरा ने कुछ भूमि बेची। (प्रेरितों के काम 05ः01)

#15. किसने न्यायालय में खड़े होकर प्रेरितों को थोड़ी देर के लिये बाहर कर देने की आज्ञा दी थी ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु गमलीएल नाम एक फरीसी ने जो व्यवस्थापक और सब लोगों में माननीय था, न्यायालय में खड़े होकर प्रेरितों को थोड़ी देर के लिये बाहर कर देने की आज्ञा दी। (प्रेरितों के काम 05ः34)

#16. प्रेरितों के हाथों से बहुत चिन्ह और अद्भूत काम लोगों के बीच में दिखाए जाने पर धर्म गुरूओं ने क्या किया था ?

उत्तर का संदर्भ:- और प्रेरितों को पकड़कर बन्दीगृह में बन्द कर दिया। (प्रेरितों के काम 05ः18)

#17. जब मन्दिर के सरदार और प्रधान याजकों ने सुनी की प्रेरित बन्दीगृह में नहीं है तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी ?

उत्तर का संदर्भ:- जब मन्दिर के सरदार और महायाजकों ने ये बातें सुनीं, तो उन के विषय में भारी चिन्ता में पड़ गए कि यह क्या हुआ चाहता है? (प्रेरितों के काम 05ः24)

#18. हनन्याह की पत्नी हनन्याह के साथ जो कुछ हुआ था न जानकर कितने समय बाद वहाँ आई थी ?

उत्तर का संदर्भ:- लगभग तीन घंटे के बाद उस की पत्नी, जो कुछ हुआ था न जानकर, भीतर आई। (प्रेरितों के काम 05ः07)

#19. प्रेरितों के हाथों से बहुत चिन्ह और अद्भूत काम लोगों के बीच में दिखाए जाने पर कौन डाह से भर उठे थे ?

उत्तर का संदर्भ:- तब महायाजक और उसके सब साथी जो सदूकियों के पंथ के थे, डाह से भर कर उठे। (प्रेरितों के काम 05ः17)

#20. हनन्याह की अर्थी किसने बनाई और बाहर ले जाकर गाड़ दिये थे ?

उत्तर का संदर्भ:- फिर जवानों ने उठकर उसकी अर्थी बनाई और बाहर ले जाकर गाढ़ दिया॥ (प्रेरितों के काम 05ः06)

#21. प्रेरितों के हाथों से बहुत चिन्ह और अद्भुत काम लोगों के बीच में दिखाए जाते थे, और वे सब एक चित्त होकर कहाँ इकट्ठे हुआ करते थे ?

उत्तर का संदर्भ:- और प्रेरितों के हाथों से बहुत चिन्ह और अद्भुत काम लोगों के बीच में दिखाए जाते थे, (और वे सब एक चित्त होकर सुलैमान के ओसारे में इकट्ठे हुआ करते थे। (प्रेरितों के काम 05ः12)

#22. महासभा में जब प्रेरितों को बुलाकर पिटवाया गया तो प्रेरितों की क्या प्रतिक्रिया थी ?

उत्तर का संदर्भ:- तब उन्होंने उस की बात मान ली; और प्रेरितों को बुलाकर पिटवाया; और यह आज्ञा देकर छोड़ दिया, कि यीशु के नाम से फिर बातें न करना। वे इस बात से आनन्दित होकर महासभा के साम्हने से चले गए, कि हम उसके नाम के लिये निरादर होने के योग्य तो ठहरे। (प्रेरितों के काम 05ः40-41)

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