प्रेरितों के काम अध्याय 12 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Acts Chapter 12 Quiz Questions And Answers
May 1, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. प्रभु के एक स्वर्गदूत ने हेरोदेस को क्या मारा था ?
उत्तर का संदर्भ:- उसी क्षण प्रभु के एक स्वर्गदूत ने तुरन्त उसे मारा, क्योंकि उसने परमेश्वर को महिमा न दी; और वह कीड़े पड़के मर गया। (प्रेरितों के काम 12ः23)
#2. पतरस ने लोगों को हाथ से क्या संकेत किया था ?
उत्तर का संदर्भ:- तब उसने उन्हें हाथ से संकेत किया कि चुप रहें; और उनको बताया कि प्रभु किस रीति से उसे बन्दीगृह से निकाल लाया है। फिर कहा, “याकूब और भाइयों को यह बात बता देना।” तब निकलकर दूसरी जगह चला गया। (प्रेरितों के काम 12ः17)
#3. पतरस को फाटक के बाहर देखकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु पतरस खटखटाता ही रहा : अत: उन्होंने खिड़की खोली, और उसे देखकर चकित रह गए। (प्रेरितों के काम 12ः16)
#4. हेरोदेस राजा ने क्या देखकर पतरस को भी पकड़ लिया था ?
उत्तर का संदर्भ:- जब उसने देखा कि यहूदी लोग इस से आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। वे दिन अखमीरी रोटी के दिन थे। (प्रेरितों के काम 12ः03)
#5. ठहराए हुए दिन हेरोदेस राजवस्त्र पहिनकर सिंहासन पर बैठा, और उनको व्याख्यान देने लगा तब लोग क्या पुकार उठे ?
उत्तर का संदर्भ:- तब लोग पुकार उठे, “यह तो मनुष्य का नहीं ईश्वर का शब्द है।” (प्रेरितों के काम 12ः22)
#6. किस कारण से दासी ने पतरस का शब्द पहचानकर भी उसने फाटक नहीं खोला था ?
उत्तर का संदर्भ:- पतरस का शब्द पहचानकर उसने आनन्द के मारे फाटक न खोला, परन्तु दौड़कर भीतर गई और बताया कि पतरस द्वार पर खड़ा है। (प्रेरितों के काम 12ः14)
#7. राजा हेरोदेस कहाँ के लोगों से अप्रसन्न था ?
उत्तर का संदर्भ:- हेरोदेस सूर और सैदा के लोगों से बहुत अप्रसन्न था। इसलिये वे एक चित्त होकर उसके पास आए, और बलास्तुस को जो राजा का एक कर्मचारी था, मनाकर मेल करना चाहा; क्योंकि राजा के देश से उनके देश का पालन–पोषण होता था। (प्रेरितों के काम 12ः20)
#8. जब पतरस और स्वर्गदूत पहले और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुँचे, जो नगर की ओर है तो लोहे का फाटक कैसे खुला था ?
उत्तर का संदर्भ:- तब वे पहले और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुँचे, जो नगर की ओर है। वह उनके लिये आप से आप खुल गया, और वे निकलकर एक ही गली होकर गए, और तुरन्त ही स्वर्गदूत उसे छोड़कर चला गया। (प्रेरितों के काम 12ः10)
#9. हेरोदेस राजा ने किसे तलवार से मरवा डाला था ?
उत्तर का संदर्भ:- उसने यूहन्ना के भाई याकूब को तलवार से मरवा डाला। (प्रेरितों के काम 12ः02)
#10. पतरस बन्दिगृह से छूटने के बाद यहूदिया को छोड़कर कहाँ रहने लगा था ?
उत्तर का संदर्भ:- जब हेरोदेस ने उसकी खोज की और न पाया, तो पहरुओं की जाँच करके आज्ञा दी कि वे मार डाले जाएँ: और वह यहूदिया को छोड़कर कैसरिया में जा कर रहने लगा। (प्रेरितों के काम 12ः19)
#11. हेरोदेस राजा किस विचार से पतरस को बन्दिगृह में सिपाहियों की रखवाली में रखा था ?
उत्तर का संदर्भ:- उसने उसे पकड़ के बन्दीगृह में डाला, और चार–चार सिपाहियों के चार पहरों में रखा; इस विचार से कि फसह के बाद उसे लोगों के सामने लाए। (प्रेरितों के काम 12ः04)
#12. राजा हेरोदेस कैसी मृत्यु मरा था ?
उत्तर का संदर्भ:- उसी क्षण प्रभु के एक स्वर्गदूत ने तुरन्त उसे मारा, क्योंकि उसने परमेश्वर को महिमा न दी; और वह कीड़े पड़के मर गया। (प्रेरितों के काम 12ः23)
#13. बन्दिगृह में जब स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ तो पतरस क्या कर रहा था ?
उत्तर का संदर्भ:- जब हेरोदेस उसे लोगों के सामने लाने को था, उसी रात पतरस दो जंजीरों से बंधा हुआ दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था; और पहरुए द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे। (प्रेरितों के काम 12ः06)
#14. हेरोदेस राजा ने जब पतरस को पकड़ लिया तब कौन से दिन थे ?
उत्तर का संदर्भ:- जब उसने देखा कि यहूदी लोग इस से आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। वे दिन अखमीरी रोटी के दिन थे। (प्रेरितों के काम 12ः03)
#15. जब हेरोदेस ने पतरस की खोज की और न पाया तो पहरूओं की जाँच करके क्या आज्ञा दी थी ?
उत्तर का संदर्भ:- जब हेरोदेस ने उसकी खोज की और न पाया, तो पहरुओं की जाँच करके आज्ञा दी कि वे मार डाले जाएँ: और वह यहूदिया को छोड़कर कैसरिया में जा कर रहने लगा। (प्रेरितों के काम 12ः19)
#16. बन्दिगृह में स्वर्गदूत ने पतरस को कैसे जगाया था ?
उत्तर का संदर्भ:- तो देखो, प्रभु का एक स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ और उस कोठरी में ज्योति चमकी, और उसने पतरस की पसली पर हाथ मार के उसे जगाया और कहा, “उठ, जल्दी कर।” और उसके हाथों से जंजीरें खुलकर गिर पड़ीं। (प्रेरितों के काम 12ः07)
#17. जब पतरस ने फाटक की खिड़की खटखटाई तो कौन देखने आया था ?
उत्तर का संदर्भ:- जब उसने फाटक की खिड़की खटखटाई, तो रूदे नामक एक दासी देखने को आई। (प्रेरितों के काम 12ः13)
#18. जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा था उसे पतरस ने क्या समझा था ?
उत्तर का संदर्भ:- वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है वह सच है, वरन् यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ। (प्रेरितों के काम 12ः09)
#19. जब बरनबास और शाऊल अपनी सेवा पूरी कर चुके तो किसे साथ लेकर यरूशलेम से लौटे थे ?
उत्तर का संदर्भ:- जब बरनबास और शाऊल अपनी सेवा पूरी कर चुके तो यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है, साथ लेकर यरूशलेम से लौटे। (प्रेरितों के काम 12ः25)
#20. बन्दिगृह में पतरस जब जाग गया तब स्वर्गदूत ने उससे क्या कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “कमर बाँध, और अपने जूते पहिन ले।” उसने वैसा ही किया। फिर उसने उससे कहा, “अपना वस्त्र पहिनकर मेरे पीछे हो ले।” (प्रेरितों के काम 12ः08)
#21. पतरस ने सचेत होकर कब जान लिया कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया है ?
उत्तर का संदर्भ:- यह जानकर वह उस यूहन्ना की माता मरियम के घर आया, जो मरकुस कहलाता है। वहाँ बहुत से लोग इकट्ठे होकर प्रार्थना कर रहे थे। (प्रेरितों के काम 12ः11)
#22. पतरस जब बन्दिगृह में बन्द था तब कलीसिया क्या कर रही थी ?
उत्तर का संदर्भ:- बन्दीगृह में पतरस बन्द था; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी। (प्रेरितों के काम 12ः05)
#23. पतरस बन्दिगृह से छूटकर सबसे पहले कहाँ गया था ?
उत्तर का संदर्भ:- यह जानकर वह उस यूहन्ना की माता मरियम के घर आया, जो मरकुस कहलाता है। वहाँ बहुत से लोग इकट्ठे होकर प्रार्थना कर रहे थे। (प्रेरितों के काम 12ः12)
#24. हेरोदेस राजा ने पतरस को पकड़ के बन्दिगृह में डालकर कितने कितने सिपाहियों के कितने पहरों में रखा था ?
उत्तर का संदर्भ:- उसने उसे पकड़ के बन्दीगृह में डाला, और चार–चार सिपाहियों के चार पहरों में रखा; इस विचार से कि फसह के बाद उसे लोगों के सामने लाए। (प्रेरितों के काम 12ः04)