प्रेरितों के काम अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Acts Chapter 17 Quiz Questions And Answers
May 23, 2025

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मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।
#1. पौलुस एथेंस नगर में किससे हर दिन वाद-विवाद किया करता था ?
उत्तर का संदर्भ:- अत: वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से, और चौक में जो लोग उससे मिलते थे उनसे हर दिन वाद–विवाद किया करता था। (प्रेरितों के काम 17ः17)
#2. पौलुस थिस्सलुनीके के आराधनालय में कितने दिन तक पवित्र शास्त्रों से उनके साथ वाद-विवाद करता रहा ?
उत्तर का संदर्भ:- पौलुस अपनी रीति के अनुसार उनके पास गया, और तीन सब्त के दिन पवित्रशास्त्रों से उनके साथ वाद–विवाद किया; (प्रेरितों के काम 17ः02)
#3. परमेश्वर किसी वस्तु की आवश्यकता के कारण मनुष्यों की हाथों की सेवा नहीं लेता है, क्योंकि वह स्वयं ही सब को क्या देता है ?
उत्तर का संदर्भ:- न किसी वस्तु की आवश्यकता के कारण मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह स्वयं ही सब को जीवन और श्वास और सब कुछ देता है। (प्रेरितों के काम 17ः25)
#4. पौलुस और सीलास कौन से नगर होते हुए थिस्सलुनीके में आए थे ?
उत्तर का संदर्भ:- फिर वे अम्फिपुलिस और अपुल्लोनिया होकर थिस्सलुनीके में आए, जहाँ यहूदियों का एक आराधनालय था। (प्रेरितों के काम 17ः01)
#5. जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर कहाँ नहीं रहता है ?
उत्तर का संदर्भ:- जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर, हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता; (प्रेरितों के काम 17ः24)
#6. कहाँ के यहूदी बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया और प्रतिदिन पवित्र शास्त्रों में ढूँढते रहे कि ये बातें योंही हैं कि नहीं ?
उत्तर का संदर्भ:- ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे, और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रतिदिन पवित्रशास्त्रों में ढूँढ़ते रहे कि ये बातें योंहीं हैं कि नहीं। (प्रेरितों के काम 17ः11)
#7. परमेश्वर ने मनुष्यों के ठहराए हुए समय और निवास की सीमाओं को किसलिए बाँधा है ?
उत्तर का संदर्भ:- कि वे परमेश्वर को ढूँढ़ें, कदाचित उसे टटोलकर पाएँ, तौभी वह हम में से किसी से दूर नहीं। (प्रेरितों के काम 17ः27)
#8. कौन से नगर के लोग नई-नई बातें कहने और सुनने के सिवाय और किसी काम में समय नहीं बिताते थे ?
उत्तर का संदर्भ:- (इसलिये कि सब एथेंसवासी और परदेशी जो वहाँ रहते थे, नई–नई बातें कहने और सुनने के सिवाय और किसी काम में समय नहीं बिताते थे।) (प्रेरितों के काम 17ः21)
#9. पौलुस एथेंस में अपने साथियों की बाट जोह रहा था, तो नगर को किससे भरा हुआ देखकर उसका जी जल गया ?
उत्तर का संदर्भ:- जब पौलुस एथेंस में उनकी बाट जोह रहा था, तो नगर को मूरतों से भरा हुआ देखकर उसका जी जल गया। (प्रेरितों के काम 17ः16)
#10. बिरीया के भाइयों ने पौलुस को तो बिरीया से भेज दिये थे किन्तु वहाँ कौन-कौन रूक गये थे ?
उत्तर का संदर्भ:- तब भाइयों ने तुरन्त पौलुस को विदा किया कि समुद्र के किनारे चला जाए; परन्तु सीलास और तीमुथियुस वहीं रह गए। (प्रेरितों के काम 17ः14)
#11. थिस्सलुनीके के यहूदी जान गए कि पौलुस बिरीया में भी परमेश्वर का वचन सुनाता है, तो वहाँ भी आकर क्या करने लगे ?
उत्तर का संदर्भ:- किन्तु जब थिस्सलुनीके के यहूदी जान गए कि पौलुस बिरीया में भी परमेश्वर का वचन सुनाता है, तो वहाँ भी आकर लोगों को उसकाने और हलचल मचाने लगे। (प्रेरितों के काम 17ः13)
#12. बिरीया के भाइयों ने पौलुस को कहाँ भेज दिया था ?
उत्तर का संदर्भ:- पौलुस को पहुँचानेवाले उसे एथेंस तक ले गए; और सीलास और तीमुथियुस के लिये यह आज्ञा पाकर विदा हुए कि वे उसके पास शीघ्र से शीघ्र आएँ। (प्रेरितों के काम 17ः15)
#13. कहाँ के यहूदी थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे ?
उत्तर का संदर्भ:- ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे, और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रतिदिन पवित्रशास्त्रों में ढूँढ़ते रहे कि ये बातें योंहीं हैं कि नहीं। (प्रेरितों के काम 17ः11)
#14. यासोन और बाकी लोगों से क्या लेकर छोड़ दिया गया था ?
उत्तर का संदर्भ:- इसलिये उन्होंने यासोन और बाकी लोगों से मुचलका लेकर उन्हें छोड़ दिया। (प्रेरितों के काम 17ः09)
#15. पौलुस थिस्सलुनीके के आराधनालय में ‘‘यही यीशु जिसकी मैं तुम्हे कथा सुनाता हूँ, क्या है कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- और उनका अर्थ खोल खोलकर समझाता था कि मसीह को दु:ख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; और “यही यीशु जिसकी मैं तुम्हें कथा सुनाता हूँ, मसीह है।” (प्रेरितों के काम 17ः03)
#16. अविश्वासी यहूदियों ने यासोन और कुछ भाइयों को नगर के हाकिमों के सामने खींच लाए और उन पर क्या कहने का आरोप लगाया था ?
उत्तर का संदर्भ:- यासोन ने उन्हें अपने यहाँ उतारा है। ये सब के सब यह कहते हैं कि यीशु राजा है, और कैसर की आज्ञाओं का विरोध करते हैं।” (प्रेरितों के काम 17ः07)
#17. पौलुस अरियुपगुस की सभा में परमेश्वर का वंश होकर हमें ईश्वरत्व के विषय में क्या समझना उचित नहीं है कहा ?
उत्तर का संदर्भ:- अत: परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं कि ईश्वरत्व सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। (प्रेरितों के काम 17ः29)
#18. अरियुपगुस की सभा में पौलुस की कौन सी बात सुनकर कुछ तो ठट्ठा करने लगे, और कुछ ने कहा ‘‘यह बात हम तुझ से फिर कभी सुनेंगे’’ ?
उत्तर का संदर्भ:- मरे हुओं के पुनरुत्थान की बात सुनकर कुछ तो ठट्ठा करने लगे, और कुछ ने कहा, “यह बात हम तुझ से फिर कभी सुनेंगे।” (प्रेरितों के काम 17ः32)
#19. भाइयों ने पौलुस और सीलास को थिस्सलुनीके से कहाँ भेज दिया था ?
उत्तर का संदर्भ:- भाइयों ने तुरन्त रात ही रात पौलुस और सीलास को बिरीया भेज दिया; और वे वहाँ पहुँचकर यहूदियों के आराधनालय में गए। (प्रेरितों के काम 17ः10)
#20. अविश्वासी यहूदियों ने डाह से भरकर बाजारू लोगों में से कुछ दुष्ट मनुष्यों को अपने साथ में लिया और किसके घर पर चढ़ाई करके पौलुस और सीलास को लोगों के सामने लाना चाहा ?
उत्तर का संदर्भ:- परन्तु यहूदियों ने डाह से भरकर बाजारू लोगों में से कुछ दुष्ट मनुष्यों को अपने साथ में लिया, और भीड़ इकट्ठी कर के नगर में हुल्लड़ मचाने लगे, और यासोन के घर पर चढ़ाई करके उन्हें लोगों के सामने लाना चाहा। (प्रेरितों के काम 17ः05)