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रोमियों अध्याय 05 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Romans Chapter 05 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार जहाँ व्यवस्था नहीं वहाँ क्या नहीं गिना जाता ?

उत्तर का संदर्भ:- व्यवस्था के दिए जाने तक पाप जगत में तो था, परन्तु जहाँ व्यवस्था नहीं वहाँ पाप गिना नहीं जाता। (रोमियों 05ः13)

#2. हमें क्लेश के प्रति कैसा रवैया रखना है ?

उत्तर का संदर्भ:- केवल यही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यह जानकर कि क्लेश से धीरज, (रोमियों 05ः03)

#3. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार हमें आशा से लज्जा क्यों नहीं होती ?

उत्तर का संदर्भ:- और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्‍वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। (रोमियों 05ः05)

#4. हम किसके द्वारा परमेश्वर में आनन्दित होते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा, जिसके द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्‍वर में आनन्दित होते हैं। (रोमियों 05ः11)

#5. बहुत से लोग पापी कैसे ठहरे ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जैसा एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से बहुत लोग पापी ठहरे, वैसे ही एक मनुष्य के आज्ञा मानने से बहुत लोग धर्मी ठहरेंगे। (रोमियों 05ः19)

#6. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार धीरज से क्या उत्पन्न होता है ?

उत्तर का संदर्भ:- और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है; (रोमियों 05ः04)

#7. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार कोई किसके लिये मरने का साहस कर सकता है ?

उत्तर का संदर्भ:- किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु हो सकता है किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी साहस करे। (रोमियों 05ः07)

#8. हम कैसे धर्मी ठहरे हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- अत: जब हम विश्‍वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर के साथ मेल रखें, (रोमियों 05ः01)

#9. सब मनुष्यों पर दण्ड की आज्ञा क्यों हुई ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ, वैसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित्त धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ। (रोमियों 05ः18)

#10. हम किस कारण से धर्मी ठहरे हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- अत: जब कि हम अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्‍वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे? (रोमियों 05ः09)

#11. हमें प्रभु यीशु मसीह के द्वारा किसके साथ मेल रखना है ?

उत्तर का संदर्भ:- अत: जब हम विश्‍वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर के साथ मेल रखें, (रोमियों 05ः01)

#12. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के अर्थात यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही कहाँ राज्य करेंगे ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे। (रोमियों 05ः17)

#13. एक धर्म का काम सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित्त क्या ठहराए जाने का कारण हुआ ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जैसा एक अपराध सब मनुष्यों के लिये दण्ड की आज्ञा का कारण हुआ, वैसा ही एक धर्म का काम भी सब मनुष्यों के लिये जीवन के निमित्त धर्मी ठहराए जाने का कारण हुआ।  (रोमियों 05ः18)

#14. जगत में मत्यु ने कैसे राज्य किया ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जब एक मनुष्य के अपराध के कारण मृत्यु ने उस एक ही के द्वारा राज्य किया, तो जो लोग अनुग्रह और धर्मरूपी वरदान बहुतायत से पाते हैं वे एक मनुष्य के, अर्थात् यीशु मसीह के द्वारा अवश्य ही अनन्त जीवन में राज्य करेंगे। (रोमियों 05ः17)

#15. जगत में मृत्यु किसके द्वारा आई है ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया। (रोमियों 05ः12)

#16. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार किसके लिये मरना दुर्लभ बात है ?

उत्तर का संदर्भ:- किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु हो सकता है किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी साहस करे। (रोमियों 05ः07)

#17. हमारा मेल परमेश्वर के साथ कैसे हुआ है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि बैरी होने की दशा में उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्‍वर के साथ हुआ, तो फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएँगे? (रोमियों 05ः10)

#18. विश्वास के कारण हमारी पहुँच कहाँ तक हुई है ?

उत्तर का संदर्भ:- जिसके द्वारा विश्‍वास के कारण उस अनुग्रह तक जिसमें हम बने हैं, हमारी पहुँच भी हुई, और परमेश्‍वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। (रोमियों 05ः02)

#19. परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई किस रीति से प्रगट करता है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु परमेश्‍वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। (रोमियों 05ः08)

#20. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार क्लेश से क्या उत्पन्न होता है ?

उत्तर का संदर्भ:- केवल यही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यह जानकर कि क्लेश से धीरज, (रोमियों 05ः03)

#21. परमेश्वर से मेल हो जाने पर हमारा उद्धार कैसे होता है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि बैरी होने की दशा में उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्‍वर के साथ हुआ, तो फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएँगे? (रोमियों 05ः10)

#22. मसीह ठीक समय पर किसके लिये मरा है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्‍तिहीनों के लिये मरा। (रोमियों 05ः06)

#23. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार आनेवाले का चिन्ह कौन है ?

उत्तर का संदर्भ:- तौभी आदम से लेकर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्होंने उस आदम, जो उस आनेवाले का चिह्न है, के अपराध के समान पाप न किया। (रोमियों 05ः14)

#24. रोमियों 05 अध्याय के अनुसार खराई से क्या उत्पन्न होती है ?

उत्तर का संदर्भ:- और धीरज से खराई, और खराई से आशा उत्पन्न होती है; (रोमियों 05ः04)

#25. किसके द्वारा पाप जगत में आया है ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया। तौभी आदम से लेकर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्होंने उस आदम, जो उस आनेवाले का चिह्न है, के अपराध के समान पाप न किया। (रोमियों 05ः12)

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