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01 कुरिन्थियों अध्याय 04 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | 01 Corinthians Chapter 04 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. 01 कुरिन्थियों 04 अध्याय के अनुसार मनुष्य को हमें क्या समझना चाहिए ?

उत्तर का संदर्भ:- मनुष्य हमें मसीह के सेवक और परमेश्वर के भेदों के भण्डारी समझे। (01कुरिन्थियों 04ः01)

#2. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को हम अपने ही हाथों से काम करके क्या करते हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और अपने ही हाथों से काम करके परिश्रम करते हैं। लोग बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं; वे सताते हैं, हम सहते हैं। (01कुरिन्थियों 04ः12)

#3. भण्डारी में कौन सी बात देखी जाती है ?

उत्तर का संदर्भ:- फिर यहां भण्डारी में यह बात देखी जाती है, कि विश्वास योग्य निकले। (01कुरिन्थियों 04ः02)

#4. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा मैं तुम्हारा क्या हुआ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि यदि मसीह में तुम्हारे सिखाने वाले दस हजार भी होते, तौभी तुम्हारे पिता बहुत से नहीं, इसलिये कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा मैं तुम्हारा पिता हुआ। (01कुरिन्थियों 04ः15)

#5. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को किस बात के लिये विनती करते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- सो मैं तुम से बिनती करता हूं, कि मेरी सी चाल चलो। (01कुरिन्थियों 04ः16)

#6. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को लोग हमें बुरा कहते हैं, हम क्या देते हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और अपने ही हाथों से काम करके परिश्रम करते हैं। लोग बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं; वे सताते हैं, हम सहते हैं। (01कुरिन्थियों 04ः12)

#7. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को हम जगत और स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिये क्या ठहरे हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- मेरी समझ में परमेश्वर ने हम प्रेरितों को सब के बाद उन लोगों की नाईं ठहराया है, जिन की मृत्यु की आज्ञा हो चुकी हो; क्योंकि हम जगत और स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिये एक तमाशा ठहरे हैं। (01कुरिन्थियों 04ः09)

#8. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को लोग हमें बदनाम करते हैं, हम क्या करते हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- वे बदनाम करते हैं, हम बिनती करते हैं: हम आज तक जगत के कूड़े और सब वस्तुओं की खुरचन की नाईं ठहरे हैं॥ (01कुरिन्थियों 04ः13)

#9. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को मैं तुम्हें लज्जित करने के लिये ये बातें नहीं लिखता, परन्तु क्या जानकर चिताता हूँ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- मैं तुम्हें लज्ज़ित करने के लिये ये बातें नहीं लिखता, परन्तु अपने प्रिय बालक जानकर उन्हें चिताता हूं। (01कुरिन्थियों 04ः14)

#10. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को तुम आदर पाते हो, परन्तु हम क्या होते हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो: हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो: तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं। (01कुरिन्थियों 04ः10)

#11. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को हम मसीह के लिये मूर्ख हैं, परन्तु तुम मसीह में क्या हो कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो: हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो: तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं। (01कुरिन्थियों 04ः10)

#12. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को तुम हमारे द्वारा यह सीखो कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में क्या न करना कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हे भाइयों, मैं ने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा, दृष्टान्त की रीति पर की है, इसलिये कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो, कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना। (01कुरिन्थियों 04ः06)

#13. पौलुस मेरा मन मुझे किसी बात में दोषी नहीं ठहराता, परन्तु इससे मैं निर्दोष क्यों नहीं ठहरता कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मेरा मन मुझे किसी बात में दोषी नहीं ठहराता, परन्तु इस से मैं निर्दोष नहीं ठहरता, क्योंकि मेरा परखने वाला प्रभु है। (01कुरिन्थियों 04ः04)

#14. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को हम मसीह के लिये निर्बल हैं, परन्तु तुम मसीह में क्या हो कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो: हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो: तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं। (01कुरिन्थियों 04ः10)

#15. पौलुस ने कुरिन्थियों की कलीसिया में किसे भेजा था जो उसका प्रिय और विश्वासयोग्य पुत्र था ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये मैं ने तीमुथियुस को जो प्रभु में मेरा प्रिय और विश्वासयोग्य पुत्र है, तुम्हारे पास भेजा है, और वह तुम्हें मसीह में मेरा चरित्र स्मरण कराएगा, जैसे कि मैं हर जगह हर एक कलीसिया में उपदेश करता हूं। (01कुरिन्थियों 04ः17)

#16. पौलुस कुरिन्थियों की कलीसिया को लोग हमें सताते हैं, हम क्या करते हैं कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- और अपने ही हाथों से काम करके परिश्रम करते हैं। लोग बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं; वे सताते हैं, हम सहते हैं। (01कुरिन्थियों 04ः12)

#17. परमेश्वर का राज्य बातों में नहीं परन्तु किसमें है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि परमेश्वर का राज्य बातों में नहीं, परन्तु सामर्थ में है। (01कुरिन्थियों 04ः20)

#18. जब तक प्रभु न आए, समय से पहले हमें क्या नहीं करना चाहिए ?

उत्तर का संदर्भ:- सो जब तक प्रभु न आए, समय से पहिले किसी बात का न्याय न करो: वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी॥ (01कुरिन्थियों 04ः04)

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