Masih Jeevan

यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

फिलिप्पियों अध्याय 01 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Philippians Chapter 01 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. इस वचन को पूरा करें – ‘‘क्योंकि मेरे लिये …………रहना मसीह है, और मर जाना ……है।’’

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना मसीह है, और मर जाना लाभ है। (फिलिप्पियों 01ः21)

#2. पौलुस फिलिप्पियों की कलीसिया को हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें क्या मिलती रहे कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे॥ (फिलिप्पियों 01ः02)

#3. फिलिप्पियों 01 अध्याय के अनुसार पौलुस कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह सोचकर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्या उत्पन्न करें कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और कई एक तो सीधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें। (फिलिप्पियों 01ः17)

#4. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को उस धार्मिकता के फल से जो किसके द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिससे परमेश्वर की महिमा और स्तुति होती रहे कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्तुति होती रहे॥ (फिलिप्पियों 01ः11)

#5. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को तुम्हारा चाल-चलन किसके योग्य हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- केवल इतना करो कि तुम्हारा चाल-चलन मसीह के सुसमाचार के योग्य हो कि चाहे मैं आकर तुम्हें देखूं, चाहे न भी आऊं, तुम्हारे विषय में यह सुनूं, कि तुम एक ही आत्मा में स्थिर हो, और एक चित्त होकर सुसमाचार के विश्वास के लिये परिश्रम करते रहते हो। (फिलिप्पियों 01ः27)

#6. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को ‘‘तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और कब तक सच्चे बने रहो और ठोकर न खाओं’’ कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्चे बने रहो; और ठोकर न खाओ। (फिलिप्पियों 01ः10)

#7. इस वचन को पूरा करें – “क्योंकि मसीह के कारण तुम पर यह अनुग्रह हुआ कि न केवल उस पर …………… करो पर उसके लिये ………. भी उठाओ।”

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि मसीह के कारण तुम पर यह अनुग्रह हुआ कि न केवल उस पर विश्वास करो पर उसके लिये दुख भी उठाओ। (फिलिप्पियों 01ः29)

#8. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों का प्रेम किस बात में और भी बढ़ता जाए करके प्रार्थना करते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए। (फिलिप्पियों 01ः09)

#9. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को मेरी कैद में और सुसमाचार के लिये उत्तर और प्रमाण देने में तुम सब मेरे साथ किसमें सहभागी हो कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- उचित है, कि मैं तुम सब के लिये ऐसा ही विचार करूं क्योंकि तुम मेरे मन में आ बसे हो, और मेरी कैद में और सुसमाचार के लिये उत्तर और प्रमाण देने में तुम सब मेरे साथ अनुग्रह में सहभागी हो। (फिलिप्पियों 01ः07)

#10. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को ‘‘मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूँ’’ इस बात में पौलुस कौन मेरा गवाह है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- इस में परमेश्वर मेरा गवाह है, कि मैं मसीह यीशु की सी प्रीति करके तुम सब की लालसा करता हूं। (फिलिप्पियों 01ः08)

#11. फिलिप्पियों की पत्री पौलुस के अतिरिक्त और किसकी ओर से थी ?

उत्तर का संदर्भ:- मसीह यीशु के दास पौलुस और तीमुथियुस की ओर से सब पवित्र लोगों के नाम, जो मसीह यीशु में होकर फिलिप्पी में रहते हैं, अध्यक्षों और सेवकों समेत। (फिलिप्पियों 01ः01)

#12. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों के लिये जब कभी परमेश्वर से विनती करते थे तो सदा आनन्द के साथ क्यों करते थे ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये, कि तुम पहिले दिन से लेकर आज तक सुसमाचार के फैलाने में मेरे सहभागी रहे हो। (फिलिप्पियों 01ः05)

#13. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों के लिये जब कभी परमेश्वर से विनती करते थे तो कैसे करते थे ?

उत्तर का संदर्भ:- और जब कभी तुम सब के लिये बिनती करता हूं, तो सदा आनन्द के साथ बिनती करता हूं। (फिलिप्पियों 01ः04)

#14. पौलुस फिलिप्पियों के विश्वासियों को तुम्हें कैसा परिश्रम करना है कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- और तुम्हें वैसा ही परिश्रम करना है, जैसा तुम ने मुझे करते देखा है, और अब भी सुनते हो, कि मैं वैसा ही करता हूं॥ (फिलिप्पियों 01ः30)

#15. फिलिप्पियों 01 अध्याय के अनुसार पौलुस मसीह के लिये कैद है यह बात किन-किन लोगों में प्रगट हो गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है। (फिलिप्पियों 01ः12)

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