Masih Jeevan

यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

प्रेरितों के काम अध्याय 25 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Acts Chapter 25 Quiz Questions And Answers

रोमियों अध्याय 08 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. फेस्तुस कैसरिया पहुँचने के कितने दिन बाद यरूशलेम को गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- फेस्तुस उस प्रान्त में पहुँचने के तीन दिन बाद कैसरिया से यरूशलेम को गया। (प्रेरितों के काम 25ः01)

#2. फेस्तुस ने राजा अग्रिप्पा और सब मनुष्यों के सामने दरबार में पौलुस के विषय में मैंने क्या जान लिया है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु मैं ने जान लिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया कि मार डाला जाए; और जबकि उसने आप ही महाराजाधिराज की दोहाई दी, तो मैं ने उसे भेजने का निर्णय किया। (प्रेरितों के काम 25ः25)

#3. फेस्तुस हाकिम यरूशलेम में कितने दिन रहकर कैसरिया को चला गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- उनके बीच कोई आठ दस दिन रहकर वह कैसरिया चला गया; और दूसरे दिन न्याय–आसन पर बैठकर पौलुस को लाने की आज्ञा दी। (प्रेरितों के काम 25ः06)

#4. दूसरे दिन अग्रिपा और बिरनीके कैसे आए थे, और पलटन के सरदारों और नगर के प्रमुख लोगों के साथ दरबार में पहुँचे थे ?

उत्तर का संदर्भ:- अत: दूसरे दिन जब अग्रिप्पा और बिरनीके बड़ी धूमधाम से आए और पलटन के सरदारों और नगर के प्रमुख लोगों के साथ दरबार में पहुँचे। तब फेस्तुस ने आज्ञा दी कि वे पौलुस को ले आएँ। (प्रेरितों के काम 25ः23)

#5. फेस्तुस ने किस इच्छा से पौलुस से कहा ‘‘क्या तू चाहता है कि यरूशलेम को जाए, और वहाँ मेरे सामने तेरा यह मुकद्दमा तय किया जाए ?

उत्तर का संदर्भ:- तब फेस्तुस ने यहूदियों को खुश करने की इच्छा से पौलुस से कहा, “क्या तू चाहता है कि यरूशलेम को जाए; और वहाँ मेरे सामने तेरा यह मुक़द्दमा तय किया जाए?” (प्रेरितों के काम 25ः09)

#6. पौलुस ने फेस्तुस हाकिम के सामने किसकी दोहाई दी थी ?

उत्तर का संदर्भ:- यदि मैं अपराधी हूँ और मार डाले जाने योग्य कोई काम किया है, तो मरने से नहीं मुकरता; परन्तु जिन बातों का ये मुझ पर दोष लगाते हैं, यदि उनमें से कोई भी बात सच न ठहरे, तो कोई मुझे उनके हाथ नहीं सौंप सकता। मैं कैसर की दोहाई देता हूँ।” (प्रेरितों के काम 25ः11)

#7. जब अग्रिप्पा ने फेस्तुस से कहा ‘‘मैं भी उस मनुष्य की सुनना चाहता हूँ’’ तो उसने कब सुन लेगा कहा था ?

उत्तर का संदर्भ:- तब अग्रिप्पा ने फेस्तुस से कहा, “मैं भी उस मनुष्य की सुनना चाहता हूँ।” उसने कहा, “तू कल सुन लेगा।” (प्रेरितों के काम 25ः22)

#8. यहूदी लोग फेस्तुस से विनती करके पौलुस को क्यों यरूशलेम बुलाना चाहते थे ?

उत्तर का संदर्भ:- और उससे विनती करके उसके विरोध में यह वर चाहा कि वह उसे यरूशलेम में बुलवाए, क्योंकि वे उसे रास्ते ही में मार डालने की घात में लगे हुए थे। (प्रेरितों के काम 25ः03)

#9. फेस्तुस जब कैसरिया गया था तब किसने वहाँ पौलुस की नालिश की थी ?

उत्तर का संदर्भ:- तब प्रधान याजकों और यहूदियों के प्रमुख लोगों ने उसके सामने पौलुस की नालिश की; (प्रेरितों के काम 25ः02)

#10. राजा अग्रिप्पा के साथ कैसरिया में और कौन आया था ?

उत्तर का संदर्भ:- कुछ दिन बीतने के बाद अग्रिप्पा राजा और बिरनीके ने कैसरिया में आकर फेस्तुस से भेंट की। (प्रेरितों के काम 25ः13)

#11. पौलुस अपने बचाव में मैंने किसके विरूद्ध कोई अपराध नहीं किया है उत्तर दिया ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु पौलुस ने उत्तर दिया, “मैं ने न तो यहूदियों की व्यवस्था के और न मन्दिर के, और न ही कैसर के विरुद्ध कोई अपराध किया है।”  (प्रेरितों के काम 25ः08)

#12. यरूशलेम से जो यहूदी कैसरिया आये थे उन्होंने बहुत से गम्भीर आरोप लगाए, परन्तु वे आरोपों का क्या नहीं दे सके ?

उत्तर का संदर्भ:- जब वह आया तो जो यहूदी यरूशलेम से आए थे, उन्होंने आसपास खड़े होकर उस पर बहुत से गम्भीर आरोप लगाए, जिनका प्रमाण वे नहीं दे सकते थे। (प्रेरितों के काम 25ः07)

#13. फेस्तुस हाकिम कैसरिया पहुँचकर कौन से दिन न्याय-आसन पर बैठकर पौलुस को लाने की आज्ञा दी ?

उत्तर का संदर्भ:- उनके बीच कोई आठ दस दिन रहकर वह कैसरिया चला गया; और दूसरे दिन न्याय–आसन पर बैठकर पौलुस को लाने की आज्ञा दी। (प्रेरितों के काम 25ः06)

#14. फेस्तुस ने राजा अग्रिप्पा को पौलुस के विषय में कब बताया था ?

उत्तर का संदर्भ:- उनके बहुत दिन वहाँ रहने के बाद फेस्तुस ने पौलुस के विषय में राजा को बताया : “एक मनुष्य है, जिसे फेलिक्स बन्दी छोड़ गया है। (प्रेरितों के काम 25ः14)

Previous
Finish

Results

Congratulation…! You are Passed

Sorry…! Better Luck Next Time

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *