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प्रेरितों के काम अध्याय 22 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Acts Chapter 22 Quiz Questions And Answers

उत्पत्ति अध्याय 17 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. पलटन के सरदार को किसने बताया कि पौलुस रोमी मनुष्य है ?

उत्तर का संदर्भ:- सूबेदार ने यह सुनकर पलटन के सरदार के पास जाकर कहा, “तू यह क्या करता है? यह तो रोमी मनुष्य है।” (प्रेरितों के काम 22ः26)

#2. पौलुस ने किसको बाँध-बाँधकर और बन्दीगृह में डाल-डालकर, इस पंथ को यहाँ तक सताया कि उन्हें मरवा भी डाला कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- मैं ने पुरुष और स्त्री दोनों को बाँध–बाँधकर और बन्दीगृह में डाल–डालकर, इस पंथ को यहाँ तक सताया कि उन्हें मरवा भी डाला। (प्रेरितों के काम 22ः04)

#3. दिन के कौन से समय में एकाएक बड़ी ज्योति आकाश से पौलुस के चारो ओर चमकी थी ?

उत्तर का संदर्भ:- “जब मैं चलते–चलते दमिश्क के निकट पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि दो पहर के लगभग एकाएक एक बड़ी ज्योति आकाश से मेरे चारों ओर चमकी। (प्रेरितों के काम 22ः06)

#4. पौलुस भाइयों के नाम पर चिट्ठियाँ लेकर कहाँ जा रहा था कहा, कि जो वहाँ हों उन्हें भी दण्ड दिलाने के लिये यरूशलेम लाऊँ ?

उत्तर का संदर्भ:- इस बात के लिये महायाजक और सब पुरनिये गवाह हैं, कि उनसे मैं भाइयों के नाम पर चिट्ठियाँ लेकर दमिश्क को चला जा रहा था, कि जो वहाँ हों उन्हें भी दण्ड दिलाने के लिये बाँधकर यरूशलेम लाऊँ। (प्रेरितों के काम 22ः05)

#5. जब पौलुस को तसमों से बाँधा तो पौलुस ने किससे कहा कि “क्या यह उचित है कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और भी बिना दोषी ठहराए हुए कोड़े मारो” ?

उत्तर का संदर्भ:- जब उन्होंने उसे तसमों से बाँधा तो पौलुस ने उस सूबेदार से जो पास खड़ा था, कहा, “क्या यह उचित है कि तुम एक रोमी मनुष्य को, और वह भी बिना दोषी ठहराए हुए, कोड़े मारो?”  (प्रेरितों के काम 22ः25)

#6. पौलुस चलते-चलते कहाँ पहुँचा था तब एकाएक बड़ी ज्योति आकाश से उसके चारो ओर चमकी ?

उत्तर का संदर्भ:- “जब मैं चलते–चलते दमिश्क के निकट पहुँचा, तो ऐसा हुआ कि दो पहर के लगभग एकाएक एक बड़ी ज्योति आकाश से मेरे चारों ओर चमकी। (प्रेरितों के काम 22ः06)

#7. पौलुस ने कहा हे प्रभु, मैं क्या करूँ तब प्रभु ने पौलुस से क्या कहा था ?

उत्तर का संदर्भ:- तब मैं ने कहा, ‘हे प्रभु, मैं क्या करूँ?’ प्रभु ने मुझ से कहा, ‘उठकर दमिश्क में जा, और जो कुछ तेरे करने के लिये ठहराया गया है वहाँ तुझ से सब बता दिया जाएगा।’ (प्रेरितों के काम 22ः10)

#8. किसका लहू बहाया जा रहा था तब पौलुस मैं भी वहाँ खड़ा था कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- जब तेरे गवाह स्तिफनुस का लहू बहाया जा रहा था तब मैं भी वहाँ खड़ा था और इस बात में सहमत था, और उसके घातकों के कपड़ों की रखवाली करता था। (प्रेरितों के काम 22ः20)

#9. पौलुस मैं किसके पाँवों के पास बैठकर पढ़ाया गया कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- “मैं तो यहूदी मनुष्य हूँ, जो किलिकिया के तरसुस में जन्मा; परन्तु इस नगर में गमलीएल के पाँवों के पास बैठकर पढ़ाया गया, और बापदादों की व्यवस्था की ठीक रीति पर सिखाया गया; और परमेश्‍वर के लिये ऐसी धुन लगाए था, जैसे तुम सब आज लगाए हो। (प्रेरितों के काम 22ः03)

#10. पलटन के सरदार ने पौलुस को मैं ने रोमी होने का पद कैसे पाया है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- यह सुनकर पलटन के सरदार ने कहा, “मैं ने रोमी होने का पद बहुत रुपये देकर पाया है।” पौलुस ने कहा, “मैं तो जन्म से रोमी हूँ।” (प्रेरितों के काम 22ः28)

#11. पौलुस जब भूमि पर गिर पड़ा था तब वह क्या शब्द सुना था ?

उत्तर का संदर्भ:- और मैं भूमि पर गिर पड़ा और यह शब्द सुना, ‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?’ (प्रेरितों के काम 22ः07)

#12. पौलुस जब मैं फिर यरूशलेम में आकर मन्दिर में प्रार्थना कर रहा था तो क्या हो गया कहते हैं ?

#13. पौलुस ने भीड़ को क्या संबोधित करते हुये कहा, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे सामने प्रस्तुत करता हूँ ?

उत्तर का संदर्भ:- “हे भाइयो और पितरो, मेरा प्रत्युत्तर सुनो, जो मैं अब तुम्हारे सामने प्रस्तुत करता हूँ।” (प्रेरितों के काम 22ः01)

#14. पलटन का सरदार पौलुस के विषय में किस बात से डर गया था ?

उत्तर का संदर्भ:- तब जो लोग उसे जाँचने पर थे, वे तुरन्त उसके पास से हट गए; और पलटन का सरदार भी यह जानकर कि यह रोमी है और मैं ने उसे बाँधा है, डर गया। (प्रेरितों के काम 22ः29)

#15. पौलुस के चारो ओर एकाएक बड़ी ज्योति चमकी तब क्या हुआ था ?

उत्तर का संदर्भ:- और मैं भूमि पर गिर पड़ा और यह शब्द सुना, ‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?’ (प्रेरितों के काम 22ः07)

#16. जब पौलुस यीशु पर विश्वास नहीं करता था तब यीशु पर विश्वास करने वालों को वह क्या करता था ?

उत्तर का संदर्भ:- मैं ने कहा, ‘हे प्रभु, वे तो आप जानते हैं कि मैं तुझ पर विश्‍वास करनेवालों को बन्दीगृह में डालता और जगह–जगह आराधनालय में पिटवाता था। (प्रेरितों के काम 22ः19)

#17. जब पौलुस को ज्योति के तेज के मारे कुछ दिखाई न दिया, तो वह दमिश्क में कैसे आया था ?

उत्तर का संदर्भ:- जब उस ज्योति के तेज के मारे मुझे कुछ दिखाई न दिया, तो मैं अपने साथियों के हाथ पकड़े हुए दमिश्क में आया। (प्रेरितों के काम 22ः11)

#18. हनन्याह ने पौलुस से हमारे बापदादों के परमेश्वर ने तुझे किसलिए ठहराया कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- तब उसने कहा, ‘हमारे बापदादों के परमेश्‍वर ने तुझे इसलिये ठहराया है कि तू उसकी इच्छा को जाने, और उस धर्मी को देखे और उसके मुँह से बातें सुने। (प्रेरितों के काम 22ः14)

#19. पौलुस के साथियों ने जो उससे बोलता था उसका शब्द न सुना पर क्या देखी थी ?

उत्तर का संदर्भ:- मेरे साथियों ने ज्योति तो देखी, परन्तु जो मुझ से बोलता था उसका शब्द न सुना। (प्रेरितों के काम 22ः09)

#20. पौलुस जब ज्योति के तेज के मारे देख नहीं पा रहा था तब दमिश्क में उसके लिये किसने प्रार्थना किया था ?

उत्तर का संदर्भ:- मेरे पास आया, और खड़े होकर मुझ से कहा, ‘हे भाई शाऊल, फिर देखने लग।’ उसी घड़ी मेरे नेत्र खुल गए और मैं ने उसे देखा। (प्रेरितों के काम 22ः13)

#21. पौलुस ने पलटन के सरदार को मैं कब से रोमी हूँ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- यह सुनकर पलटन के सरदार ने कहा, “मैं ने रोमी होने का पद बहुत रुपये देकर पाया है।” पौलुस ने कहा, “मैं तो जन्म से रोमी हूँ।” (प्रेरितों के काम 22ः28)

#22. दमिश्क में व्यवस्था के अनुसार एक भक्त मनुष्य कौन था जो वहाँ रहनेवाले सब यहूदियों से सुनाम था ?

उत्तर का संदर्भ:- “तब हनन्याह नामक व्यवस्था के अनुसार एक भक्‍त मनुष्य, जो वहाँ रहनेवाले सब यहूदियों में सुनाम था, (प्रेरितों के काम 22ः12)

#23. पौलुस भीड़ को मैं कहाँ जन्मा हूँ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- “मैं तो यहूदी मनुष्य हूँ, जो किलिकिया के तरसुस में जन्मा; परन्तु इस नगर में गमलीएल के पाँवों के पास बैठकर पढ़ाया गया, और बापदादों की व्यवस्था की ठीक रीति पर सिखाया गया; और परमेश्‍वर के लिये ऐसी धुन लगाए था, जैसे तुम सब आज लगाए हो। (प्रेरितों के काम 22ः03)

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