Masih Jeevan

यीशु मसीह की पहिचान एवं सामर्थ्य में बढ़ने के लिये सहायता

रोमियों अध्याय 07 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर | Romans Chapter 07 Quiz Questions And Answers

रोमियों अध्याय 08 प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर

मेरे प्रिय भाई और बहनों, हमारी गुजारिश है कि आप बाईबल क्विज अटेंड करने से पहले एक बार इस चैप्टर का अध्ययन जरूर कर लें। बाईबल क्विज के माध्यम से हमारा उद्देश्य आपको परमेश्वर के वचन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आप परमेश्वर और उसके ज्ञान को जान और समझ सके। हमारा पूर्ण विश्वास है कि आप निश्चित रूप से आशीषित होंगे। कृपया नीचे दिए गए फिनिश ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी प्रश्न अटेंड करना अनिवार्य है। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं।

 

#1. व्यवस्था जानने वाले पर व्यवस्था की प्रभुता कब तक रहती है ?

उत्तर का संदर्भ:- हे भाइयो, क्या तुम नहीं जानते – मैं व्यवस्था के जाननेवालों से कहता हूँ – कि जब तक मनुष्य जीवित रहता है, तब तक उस पर व्यवस्था की प्रभुता रहती है ? (रोमियों 07ः01)

#2. पौलुस किसके बिना मैं पाप को नहीं पहिचानता कहते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- तो हम क्या कहें? क्या व्यवस्था पाप है? कदापि नहीं! वरन् बिना व्यवस्था के मैं पाप को नहीं पहिचानता : व्यवस्था यदि न कहती, कि लालच मत कर तो मैं लालच को न जानता। (रोमियों 07ः07)

#3. पौलुस यदि मैं वही करता हूँ जिस की इच्छा नहीं करता, तो उसका करनेवाला मैं न रहा, परन्तु कौन करता है कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- अत: यदि मैं वही करता हूँ जिस की इच्छा नहीं करता, तो उसका करनेवाला मैं न रहा, परन्तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है। (रोमियों 07ः20)

#4. विवाहिता स्त्री अपने पति के जीते जी किसी दूसरे पुरूष की हो जाए तो क्या कहलाती है ?

उत्तर का संदर्भ:- इसलिये यदि पति के जीते जी वह किसी दूसरे पुरुष की हो जाए, तो व्यभिचारिणी कहलाएगी, परन्तु यदि पति मर जाए, तो वह उस व्यवस्था से छूट गई, यहाँ तक कि यदि किसी दूसरे पुरुष की हो जाए तौभी व्यभिचारिणी न ठहरेगी। (रोमियों 07ः03)

#5. किसके बिना पाप मुर्दा है ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझ में सब प्रकार का लालच उत्पन्न किया, क्योंकि बिना व्यवस्था पाप मुर्दा है। (रोमियों 07ः08)

#6. पौलुस ने हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्तु मैं किसके हाथ बिका हुआ हूँ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है, परन्तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ हूँ। (रोमियों 07ः14)

#7. रोमियों 07 अध्याय के अनुसार हम लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन् कैसी सेवा करते हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- परन्तु जिस के बन्धन में हम थे उसके लिये मर कर, अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन् आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं। (रोमियों 07ः06)

#8. हम किसके द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए बन गए हैं ?

उत्तर का संदर्भ:- वैसे ही हे मेरे भाइयो, तुम भी मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए बन गए, कि उस दूसरे के हो जाओ, जो मरे हुओं में से जी उठा : ताकि हम परमेश्‍वर के लिये फल लाएँ। (रोमियों 07ः04)

#9. व्यवस्था के अनुसार विवाहिता स्त्री कब अपने पति से छूट जाती है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि विवाहिता स्त्री व्यवस्था के अनुसार अपने पति के जीते जी उस से बन्धी है, परन्तु यदि पति मर जाए, तो वह पति की व्यवस्था से छूट गई। (रोमियों 07ः02)

#10. पौलुस मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु किससे पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूँ कहा ?

उत्तर का संदर्भ:- हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर का धन्यवाद हो। इसलिये मैं आप बुद्धि से तो परमेश्‍वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूँ। (रोमियों 07ः25)

#11. जब हम शारीरिक थे, तो क्या जो व्यवस्था के द्वारा थीं, मृत्यु का फल उत्पन्न करने के लिये हमारे अंगों में काम करती थी ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि जब हम शारीरिक थे, तो पापों की अभिलाषाएँ जो व्यवस्था के द्वारा थीं, मृत्यु का फल उत्पन्न करने के लिये हमारे अंगों में काम करती थीं। (रोमियों 07ः05)

#12. व्यवस्था के अनुसार विवाहिता स्त्री कब तक अपने पति से बन्धी रहती है ?

उत्तर का संदर्भ:- क्योंकि विवाहिता स्त्री व्यवस्था के अनुसार अपने पति के जीते जी उस से बन्धी है, परन्तु यदि पति मर जाए, तो वह पति की व्यवस्था से छूट गई। (रोमियों 07ः02)

Previous
Finish

Results

Congratulation…! You are Passed

Sorry…! Better Luck Next Time

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *